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*भाजपा थांदला मंडल द्वारा गौरव अभियान अंतर्गत संगोष्ठी का आयोजन किया गया*
*थांदला से विवेक व्यास की रिपोर्ट*
भाजपा थांदला मंडल द्वारा संविधान गौरव अभियान अंतर्गत आयोजित संगोष्ठी कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ भाजपा नेता अशोक अरोड़ा एवं भाजपा मंडल अध्यक्ष बंटी डामोर, भाजपा मंडल उपाध्यक्ष जितेंद्र राठौड़ युवा मोर्चा जिला महामंत्री राजेश वसुनिया, अजा मोर्चा के अध्यक्ष गोलू फ़तरोड प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजू धानक, सुरेश बिलवाल एवं सरपंच खुसाल , भारत, मुन्नीलाल , रामसिंह , बालू , एवं भाजपा कार्यकर्त्ता पिंटू ठाकुर, मनीष, अनिल, संतोष , लखन , कमलेश , मांगू , विष्णु थे एवं कार्यक्रम का संचालन बंटी डामोर ने, एवं कार्यक्रम का आभार गोलू ने माना वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता अशोक जी अरोड़ा द्वारा बताया गया कि बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के मऊ में एक गरीब परिवार मे हुआ था। वो भीमराव रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की 14 वीं सन्तान थे। उनका परिवार मराठी था जो महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले मे स्थित अम्बावडे नगर से सम्बंधित था।
उनके बचपन का नाम रामजी सकपाल था। वे हिंदू महार जाति के थे जो अछूत कहे जाते थे। उनकी जाति के साथ सामाजिक और आर्थिक रूप से गहरा भेदभाव किया जाता था। एक अस्पृश्य परिवार में जन्म लेने के कारण उनको बचपन कष्टों में बिताना पड़ा था।
भारतीय संदर्भ में देखा जाए तो आम्बेडकर संभवतः पहले अध्येता रहे हैं। जिन्होंने जातीय संरचना में महिलाओं की स्थिति को समझने की कोशिश की थी। उनके संपूर्ण विचार मंथन के दृष्टिकोण में सबसे महत्वपूर्ण मंथन का हिस्सा महिला सशक्तिकरण था। अम्बेडकर यह बात समझते थे कि स्त्रियों की स्थिति सिर्फ ऊपर से उपदेश देकर नहीं सुधरने वाली, उसके लिए कानूनी व्यवस्था करनी होगी।
हिंदू कोड बिल महिला सशक्तिकरण का असली आविष्कार है। इसी कारण अम्बेडकर हिंदू कोड बिल लेकर आए थे। हिंदू कोड बिल भारतीय महिलाओं के लिए सभी मर्ज की दवा थी। पर अफसोस यह बिल संसद में पारित नहीं हो पाया और इसी कारण आम्बेडकर ने कानून मंत्री पद का इस्तीफा दे दिया था। स्त्री सरोकारों के प्रति डॉ भीमराव आम्बेडकर का समर्पण किसी जुनून से कम नहीं था।