आउटसोर्सिंग और अतिथि शिक्षक की आरटीआई में जानकारी से पहले ही अलमारी के ताले टूटे
उज्जैन। श्रीकृष्ण की शिक्षस्थली उज्जैनी में पाप का घड़ा भरने वाली मुरैना से लौटी चड्डी बनियान धारी चोर गैंग फिर से सतर्क हो गई है। इस गैंग का मकसद उज्जैन के विश्वविद्यालयों में रखी फाइलें चुराना है। कुछ दिनों पूर्व विक्रम विश्वविद्यालय में हुई चोरी की घटना में अभी तक यह पता नहीं चला है की चोरी किसने की और कौन सी फाइल गायब हुई। ठीक इसी प्रकार महर्षि पाणिनि वैदिक विश्वविद्यालय देवास रोड पर कुछ अज्ञात चोरों ने रात्रि में कंप्यूटर, और कुछ सामग्री चोरी कर ली जिसकी शिकायत नागझिरी थाना में हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक महर्षि पाणिनि विश्वविद्यालय में एक महिला अतिथि शिक्षक की भर्ती को लेकर सूचना के अधिकारी में जानकारी मांगी गई थी। लेकिन चोर गैंग ने जानकारी निकलने के डर से पहले ही महिला अतिथि शिक्षक की फाइल वाली समझकर अलमारी का ताला तोड़ दिया। चोरों को विश्वविद्यालय की भौगोलिक स्तिथि का पूरा अनुमान था। जैसे कि चोर विश्वविद्यालय में कार्य करता हो। एक कर्मचारी ने नाम नही बताने की शर्त पर बताया कि माली का काम करने वाला एक व्यक्ति रात्रि में मित्रो के साथ विश्वविद्यालय में मदिरापान करता है एवं उसकी पत्नी अतिथि शिक्षक में कार्यरत है जिसने कुछ दिनों पहले एक किताब छपवा कर खुद को महर्षि पाणिनि के आधुनिक विभाग हिंदी का प्रोफेसर बताया है। दोनो की नियुक्ति से संबंधित जानकारी सूचना के अधिकार में मांगी गई थी। लेकिन उससे पहले ही अज्ञात चोरों ने फाइल गायब करने का षड्यंत्र रचा और अलमारी का ताला तोड़ा लेकिन उनका मकसद कामयाब नही हुआ तो चोर कंप्यूटर और अन्य सामग्री ले गए। महिला अतिथि शिक्षक पहले आउटसोर्सिंग कर्मचारी थी लेकिन बाद में द्वितीय क्रम बताते हुए युक्त महिला को अतिथि शिक्षक की नियुक्ति दी गई। युक्त महिला अतिथि शिक्षक को प्रतिदिन हिंदी विषय के अध्यापन कार्य के लिए रखा गया है। जिसकी जानकारी सूचना के अधिकार में मांगी गई थी लेकिन समय पर जानकारी नही दी गई। एक छात्र नेता ने बताया की विवादित महिला अतिथि शिक्षक को पूर्व में विक्रम विश्वविद्यालय में विजिटिंग फेकल्टी में रखा गया था लेकिन कई शिकायतें होने के बाद विजिटिंग फेकल्टी महिला को विक्रम विश्वविद्यालय से हटा दिया गया। जिसके बाद महर्षि पाणिनि विश्वविद्यालय में किसी करीबी की अनुशंसा पर आउटसोर्सिंग कर्मचारी की नोकरी पर रखा गया था और कुछ समय बाद बिना विज्ञापन के द्वितीय क्रम में लेकर अतिथि शिक्षक बनाया गया है एवं सिर्फ एक कक्षा अध्यापन होने पर भी 1500रु प्रतिदिन भुगतान किया जा रहा है। साथ ही महिला अतिथि शिक्षक के पति को भी आउटसोर्सिंग में माध्यम से तनख्वा दी जा रही है। इस पूरे की जानकारी सूचना के अधिकारी में मांगी गई थी लेकिन उससे पहले ही अलमारी के ताले तोड़ना और दस्तावेजों की चोरी करने की शाजिश का मामला संदिग्ध है। विवादित भर्ती और मिली भगत से दस्तावेजों की चोरी की घटना के मामले की शिकायत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी को की जाएगी।