अग्नि और पृथ्वी मिसाइलें चलेंगी, तोप से भी दागे जायेंगे गोले और झूमेंगे शहरवासी
इन्दौर । होलिका दहन के बाद धुलेंडी और उसके बाद रंगपंचमी पर इन्दौर में गेर निकालने की परंपरा है। यह परंपरा वर्षों पुरानी है। देशभर में अपनी अलग पहचान रखने वाली रंगपंचमी की रंगारंग गेर इन्दौर के पश्चिमी क्षेत्र में रविवार 12 मार्च को निकलेगी। इस बार रंगपंचमी पर निकलने वाली यह गेर बहुत मायने में खास होगी। कोविड के तीन साल बाद इस बार पूरी तरह से खुलकर यह त्योहार मनाया जाएगा। वहीं गेर को यूनेस्को में शामिल करने की कोशिश भी की जा रही है। इसके चलते आयोजक भी अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। पहले के मुकाबले इस बार गेर में वाहनों की संख्या और लोगों की उपस्थिति में बहुत इजाफा होगा।
दरअसल, इन्दौर में रंगपंचमी के अवसर पर निकलने वाली रंगारंग गेर पूरे देश में अपनी अलग ही पहचान रखती है। दूर-दूर से लोग इस गेर को देखने और इसमें शामिल होने आते हैं। जिस तरह ब्रज की लट्ठमार होली पसंद है उसी तरह इन्दौर सहित संपूर्ण निमाण और मालवा की गेर प्रसिद्ध है। ऐसी अनोखी गेर और फाग यात्रा, जिससे कि पुराने इन्दौर के पश्चिमी क्षेत्र में पैर रखने की जगह भी नहीं मिलती है। इस दौरान मिसाइलों और तोप से अबीर और गुलाल के गुबार और रंगो की बौछारों से पूरा अंबर सराबोर दिखाई देता है। ऐसे मनोहारी उत्सव की तैयारिया पूरी कर ली गई है।
:: ये हैं इन्दौर की गेर और फाग यात्रा समितियां ::
इन्दौर में निकलने वाली प्रमुख गेर और फाग यात्राए इस प्रकार हैं। टोरी कार्नर महोत्सव समिति, मारल क्लब, रसिया कार्नर, राधाकृष्ण फाग यात्रा, हिंद रक्षक फाग यात्रा, संस्था संस्कार, बाणेश्वर समिति, माधव फाग यात्रा और संगम कार्नर द्वारा रंगारंग गैर निकाली जाएगी। इस बार नगर निगम की फाग यात्रा भी इसमें शामिल होगी।
:: टोरी कॉर्नर की गेर में जूनियर अमिताभ बच्चन होंगे आकर्षण ::
मी महोत्सव समिति इस बार गेर में जूनियर अमिताभ बच्चन आकर्षण का केन्द्र होंगे। टोरी कॉर्नर रंगपंचमी महोत्सव समिति के संयोजक शेखर गिरी ने बताया कि बच्चन एक ट्रॉले नुमा मंच पर सवार होकर चलेंगे उनके साथ महिला आर्टिस्ट भी होंगी। यह टीम अमिताभ के लोकप्रिय गानों पर जनता को जमकर झूमने पर मजबूर करेगी। बोरिंग मशीन से 100 फीट ऊपर तक गुलाल और रंगों को उड़ाया जाएगा। रास्ते में गुलाल से तिरंगा भी बनाया जाएगा। गेर में शामिल लोगों पर ब्लोअर से चमकीले रंगों की बौछार की जाएगी। इसके अलावा मनोरंजन के लिए गेर में डीजे की गाड़ियॉं, बैंड और ढोल आदि भी रहेंगे।
:: संस्था सृजन की गेर में लट्ठ मार होली और बांके बिहारी का ढोल मुख्य आकर्षण ::
संस्था अध्यक्ष कमलेश खंडेलवाल ने बताया कि संगम कॉर्नर की गेर सुबह 10.30 बजे से शुरू होगी और 11 बजे गोराकुंड पहुंचेगी। यह गेर का 69वां साल है। 8 हजार किलो टेसू के फूलों से तैयार गुलाल से लोगों का स्वागत किया जाएगा। गेर में बरसाना की टीम लट्ठ मार होली खेलते चलेगी। वहीं भगवान राधाकृष्ण की जोड़ी रासरंग करेंगी। बांके बिहारी का ढोल भी मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेगा। 2 बैंड, 5 डीजे, 12 रनगाड़े, 20 ट्रैक्टर, 5 मेटाडोर, 4 डंपर, 50 ढोलक, 5 पानी की मिसाइल, 3 गुलाल की मिसाइल, फूल उड़ाती 2 तोप सहित कई अन्य गाडिय़ां रहेगी। साथ ही कई राजनेता और महामंडलेश्वर भी इसमें शामिल होंगे। मिसाइल से 200 फीट ऊपर तक पानी जाएगा।
:: मॉरल क्लब की गेर में मुंबई की ताशा पार्टी, एक बार में एक क्विंटल गुलाल उड़ेगा ::
मॉरल क्लब के संयोजक अभिमन्यु मिश्रा ने बताया कि इस बार गेर में साधनों को बढ़ाया गया है। इस बार गेर में काली चरण महाराज को भी आमंत्रित किया है। इस बार गेर के लिए मुंबई से 70 लोगों की ताशा पार्टी बुलवाई है, जो गेर का मुख्य आकर्षण रहेंगे। ताशा पार्टी के धुन पर युवा नाचते-झूमते हुए चलेंगे। 4 ब्लोअर मशीनों से 60 फीट ऊपर तक गुलाल उड़ाया जाएगा और एक बार एक क्विंटल गुलाल उड़ेगा। 40 हजार लीटर के पानी टैंकर से 6 मिसाइल चलेगी, जो 50 फीट ऊपर तक पानी फेंकेगी। 2 डीजे की गाड़ियॉं रहेंगी और 2 पानी के टैंकर पूरे समय साथ चलेंगे। इसके अलावा अन्य 40 वाहन भी होंगे।
:: हिंद रक्षक की फाग यात्रा में अबीर, गुलाल व टेसू के फूलों का ही प्रयोग होगा ::
हिन्द रक्षक संगठन की संरक्षका मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़ व राष्ट्रीय संयोजक एकलव्य सिंह गौड़ ने बताया कि इस वर्ष संगठन नरसिंह बाजार स्थित बद्रीनारायण मंदिर से फागयात्रा निकालेगा। भगवान राधाकृष्ण की आरती से यात्रा शुरू होगी। यात्रा में भगवान तिरुपति बालाजी मंदिर की प्रतिकृति स्वरूप मंदिर बनाया जाएगा। यात्रा में सबसे आगे भगवा ध्वज वाहिनी भी रहेगी। युवा यात्रा में शामिल रथ को खींचेंगे। फागयात्रा में हजारों मातृशक्ति भी रहेंगी। फागयात्रा में अबीर, गुलाल व टेसू के फूलों का ही प्रयोग होगा। पूरे रास्ते महिलाओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
:: रसिया कॉर्नर की गेर में 100 फीट तक केसरिया रंग की मार करने वाली मिसाइल रहेंगी ::
गेर संयोजक पं. राजपाल जोशी ने बताया कि इस बार रसिया कॉर्नर गेर का गोल्डन जुबली साल है। ओल्ड राजमोहल्ला स्थित हरिराम मंदिर पर पूजन के बाद गेर शुरू होगी। इसे यादगार बनाने के लिए 50 जरूरतमंद परिवारों को राशन किट देंगे और 50 युवा ब्लड डोनेट भी करेंगे। गेर में विशेष रूप से बैंड बाजे, ढोल ताशे, 3 डीजे की गाड़ियॉं, 10 टैक्टर ट्राली पर ड्रम से पानी उड़ाते हुए होली के हुरियारे चलेंगे। पुराने इन्दौर की पहचान बैल रंगाड़े, तांगे, 5 पानी की टैंकरों पर 100 फीट तक केसरिया रंग की मार करने वाली मिसाइल रहेगी। गेर में शामिल सभी गाडिय़ों पर बड़े केसरिया ध्वज रहेंगे। 500 युवा केसरिया हेलमेट पहनकर युवाओं को हेलमेट पहन गाड़ी चलाने का संदेश देते हुए निकलेंगे।
:: इन्दौर की गेर का इतिहास ::
स्थानीय लोगों का मानना है कि इन्दौर में गेर निकालने की परंपरा होलकर राजवंश के लोगों ने प्रारंभ की थी। होलकर राजवंश के लोग आम जनता के साथ होली खेलने के लिए सड़कों पर निकलते थे और एक जुलूस की शक्ल में पूरे शहर में भ्रमण करके लोगों के साथ होली खेलते थे। राजवंश का शासन खत्म होने के बाद भी यह परंपरा कायम रही। अब नेता लोग, समीतियां, और संस्थाएं गेर निकालती हैं। तब नगर निगम, सत्तापक्ष तथा विपक्ष के नेता लोग चल समारोह निकालकर होली के रंग में चार चांद लगा देते हैं। खासकर इन्दौर की गेर तो अब विश्व प्रसिद्ध हो चली है। यहां सभी लोग राजवाड़ा पर एकत्रित होकर बड़े पैमाने पर चल समारोह निकालते हैं।
:: यह रहेगा गेर का मुख्य मार्ग ::
गेर निकालने का परंपरागत मुख्य मार्ग गौराकुंड चौराहे से राजवाड़ा तक रहता है। इसके अलावा अन्य संस्थाओं द्वारा भी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में रंगारंग गेर निकाली जाती है जिनका रास्ता उनके क्षेत्र से राजबाड़ा तक का रहता है।