नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में की गई जीएसटी दरों में कटौती ने त्योहारी सीज़न में उपभोग को नई रफ्तार दी है। नवरात्रि में रिकॉर्ड खरीदारी दर्ज की गई और दिवाली से पहले देश के बाजारों में ऐतिहासिक उछाल की तैयारी दिख रही है। आवश्यक और उपभोक्ता वस्तुओं पर करों में राहत ने आम परिवारों को आर्थिक आज़ादी दी है और बाजारों में सकारात्मक माहौल बनाया है।
मुद्रास्फीति आठ वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) 1.54 प्रतिशत पर सिमट गया है, जबकि खाद्य मुद्रास्फीति -2.3 प्रतिशत हो गई है। कीमतों में गिरावट और क्रय शक्ति में बढ़ोतरी ने त्योहारी खरीदारी को अप्रत्याशित गति दी है।
त्योहारी कारोबार में रिकॉर्ड वृद्धि
सरकार के समयबद्ध फैसले का असर हर आर्थिक क्षेत्र में दिखाई दे रहा है।
नवरात्रि और विवाह सीज़न का कुल कारोबार 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहने का अनुमान है, जो कई वर्षों का सर्वाधिक स्तर है।
जीएसटी बचत के लाभ से डिजिटल भुगतान 1 दिन में 10 गुना तक बढ़े। 21 सितंबर को 1.18 लाख करोड़ रुपये से उछलकर 22 सितंबर को यह 11.31 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
दिल्ली में 75,000 करोड़ रुपये तक की बिक्री का अनुमान है, जबकि अहमदाबाद में 2,500 रुपये से कम वाले वस्त्रों की बिक्री में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं और ‘मेक इन इंडिया’ आधारित वस्तुओं की मांग में भी तेजी देखी गई है।
ऑटो सेक्टर ने बनाया नया रिकॉर्ड
देश का ऑटोमोबाइल उद्योग इस नवरात्रि एक दशक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया।
मारुति सुजुकी ने महज आठ दिनों में 1.65 लाख वाहनों की बिक्री दर्ज की और अष्टमी के दिन 30,000 कारों की बिक्री का 35 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा।
महिंद्रा एंड महिंद्रा की एसयूवी बिक्री में 60 प्रतिशत वृद्धि हुई।
टाटा मोटर्स ने 50,000 से अधिक वाहन बेचे।
हीरो मोटोकॉर्प और बजाज ऑटो के शोरूम्स में ग्राहकों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी रही।
एफएडीए के अनुसार, नवरात्रि के दौरान ऑटो बिक्री में 34 प्रतिशत सालाना वृद्धि दर्ज की गई, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में जोरदार मांग
