आजकल कई महिलाएं विटामिन B12 की कमी से जूझ रही हैं। कोबालामिन नामक यह विटामिन शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण, नर्वस सिस्टम की सेहत और ऊर्जा उत्पादन के लिए अनिवार्य है। इसकी कमी से धीरे-धीरे कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ जन्म लेती हैं। कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल, इंदौर की डायटिशिन शुचिता श्रीवास्तव खानपान की आदतों को बड़ी वजह मान रही हैं आइए जानते हैं कि विटामिन बी 12 की कमी से क्या समस्याएं हो सकती हैं व किन आवश्यक आहार को अपनाने की आवश्यकता है-
क्यों बढ़ रही है कमी?
1. शाकाहारी आहार– जो लोग शाकाहारी होते हैं या जो लोग अक्सर मांसाहार कम लेते हैं, उनमें विटामिन B12 की कमी अधिक देखी जाती है। विटामिन B12 का प्रमुख स्रोत मांस, अंडा और डेयरी है।
2. डाइटिंग और वजन घटाने की कोशिशें– बहुत सी महिलाएं कैलोरी कम करने के चक्कर में पोषण से समझौता कर लेती हैं जिस वजह से उनमें विटामिन B12 कम हो सकता है।
3. गर्भावस्था और स्तनपान– इस दौरान शरीर की पोषण ज़रूरतें बढ़ जाती हैं, जिससे कमी का खतरा दोगुना हो जाता है।
4. एनीमिया और हार्मोनल बदलाव– महिलाओं में पीरियड्स में अधिक रक्तस्राव और हार्मोनल असंतुलन भी B12 स्तर को प्रभावित कर सकते हैं।
5. उम्र और पाचन संबंधी समस्याएँ– 40 की उम्र के बाद अधिकांश लोगों में अवशोषण क्षमता घटने लगती है जिसकी वजह से विटामिन बी 12 की कमी बढ़ सकती है। ज्यादातर यह समस्या महिलाओं में अधिक देखने मिलती है।
लक्षण जिन्हें नज़रअंदाज़ बिल्कुल न करें
• लगातार थकान और कमजोरी
• हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन
• मूड स्विंग्स, चिंता या डिप्रेशन
• त्वचा का पीला पड़ना
• जीभ पर जलन, सूजन या छाले
• संतुलन बिगड़ना और चलने-फिरने में परेशानी
रोजाना इन आहार को जरुर शामिल करें
• रोज़मर्रा के आहार में दूध, दही, पनीर, अंडे, मछली, मांस शामिल करें।
• गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ नियमित जाँच करवाएँ और डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स या इंजेक्शन लें।
• संतुलित डाइट, पर्याप्त प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन पर ध्यान दें।
विटामिन B12 की कमी सिर्फ थकान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य, नर्वस सिस्टम और प्रजनन क्षमता तक को प्रभावित कर सकती है। इसलिए समय पर जांच और सही आहार बेहद ज़रूरी है। स्वस्थ खानपान और डायटिशियन की सलाह से इस कमी को आसानी से रोका जा सकता है।