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ujjain/ महाकाल की सवारी
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श्री कृष्ण जन्माष्टमी और बाबा महाकाल की सवारी के सुयोग पर बाबा महाकाल की छठी सवारी पूरे प्रोटोकॉल और धूमधाम के साथ निकली। जिसका श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह और आस्था दिखाई दी। गोपाल मंदिर में हरि और हर का मिलन अद्भुत रहा। लाखों लोग इस पल के साक्षी बने।
सर्वप्रथम भगवान श्री महाकालेश्वर का षोड़शोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। श्री महाकालेश्वर भगवान षष्ठम सवारी में पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद एवं रथ पर श्री घटाटोप विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी गई। बाबा महाकाल की सवारी में बैतूल जिले के गोंड जनजातीय द्वारा ठात्या नृत्य की अद्भुत प्रस्तुति दी गईं।
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बैतूल के श्री मिलाप इवने व अविनाश धुर्वे के नेतृत्व में जनजातीय दल सवारी में भजन मंडलियों के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए चला। धोती, कुर्ता, पगड़ी, रंग-बिरंगा थुरा, जाकेट एवं कवडी और बैलो की पुछ के बलों से बनी कौडी वाले वस्त्र, पैरों में घुघरु और हाथ में बासुरी धारण किए नृत्य डाल द्वारा ढोल, टिमकी, ताशा, मंजीरा, बासुरी आदि परंपरागत वाद्य यंत्रों पर मनमोहक प्रस्तुति दी गई। इससे पूर्व दल द्वारा श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल के संबंध नृत्य कर भगवान की आराधना की गई। भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी महाकाल मंदिर से प्रस्थान पर हरसिद्धिपाल पहुंची। यहां बीएसएफ एवं पुलिस बैंड द्वारा सुमधुर शिव भजनों की प्रस्तुति दी गई।
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भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन और जलाभिषेक पुजारी आशीष गुरु आदि द्वारा किया गया। भगवान महाकालेश्वर चंद्रमोलेश्वर के स्वरुप में अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए शिप्रा तट पर पहुंचे। इसके पश्चात मां शिप्रा नदी के जल से भगवान का जलाभिषेक किया गया। बाबा महाकाल की सवारी जैसे ही गोपाल मंदिर पहुंची, वहां हरि हर मिलन का अद्भुत नजारा दिखाई दिया। श्रद्धालुओं द्वारा पुष्पवर्षा का बाबा की पालकी का स्वागत किया गया और भव्य रूप में आरती का गायन हुआ। सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची