15 गांवों की जमीन अस्थाई रूप से लेगा जल संसाधन विभाग
चार गांव की जमीन के लिए अधिसूचना का प्रकाशन
उज्जैन। सिंहस्थ 2028 के मद्देनजर शिप्रा शुद्धिकरण के लिए 566 करोड़ रुपए की कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना का काम बारिश बाद दौडऩे लगेगा। फिलहाल जमीन का अस्थाई रूप से अधिग्रहण करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। कई किसानों ने प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही अपनी जमीन विभाग को दे दी है।
शिप्रा नदी को कान्ह (खान) नदी के प्रदूषित पानी से बचाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने 566.77 करोड़ रुपए की योजना को हरी झंडी दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इसका भूमिपूजन भी कर चुके हैं। जल संसाधन विभाग ने इसका काम शुरू कर दिया है। प्रोजेक्ट के तहत 30.15 किलोमीटर लंबी टनल बनाई जाएगी, जिससे प्रदूषित पानी को शहर से दूर घट्टिया तहसील के अंतर्गत सिंगावदा गांव के पास छोड़ा जाएगा। यह डक्ट 15 गांवों की जमीन के अंदर से होकर गुजरेगी। इसलिए, इन गांवों के किसानों को नोटिस जारी कर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया की जा रही है।
सभी किसान तैयार, लेकिन नुकसान पर आपत्ति
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रशासन द्वारा की जा रही है। इसके लिए प्रभावित किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं। सभी किसान जमीन देने के लिए तैयार हैं, लेकिन अधिकतर ने खेतों में हो रहे नुकसान की बात उठाई है और बदले में मुआवजे की मांग की है। उज्जैन और घट्टिया तहसील के गांव इस प्रोजेक्ट के दायरे में आ रहे हैं।
जमालपुरा से सिंगावदा गांव तक पूरा होगा प्रोजेक्ट
कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना की शुरुआत इंदौर रोड स्थित जमालपुरा गांव से होगी और आखिरी सिरा घट्टिया तहसील के गांव सिंगावदा में होगा। जमालपुरा से कोकलाखेड़ी, छायन, पिपलियाराघो, गंगेड़ी, पालखेड़ी, चिंतामन जवासिया, बामोरा, देवराखेड़ी, नलवा, खरेट, अमीरपुर, बड़वाई और अंबोदिया होते हुए सिंगावदा पहुंचेगी।
अभी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया
कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना का काम शुरू कर दिया गया है। बारिश के कारण काम रुका हुआ है, लेकिन बारिश बाद यह रफ्तार पकड़ेगा। अभी जमीन का अस्थाई अधिग्रहण करने की प्रक्रिया चल रही है।
मयंक सिंह, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग