निप्र, जावरा मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में जावरा नगर का एकमात्र शासकीय अस्पताल कई वर्षों से लापरवाही की भेंट चढ़ता आ रहा था लेकिन कोरोना काल की स्वास्थ्य समस्याओं के दौरान नेताओं पर समाजसेवाओं की जो लग्न देखी गई वह सिर्फ जावरा ही नही मध्यप्रदेश के सभी अस्पतालों में नजर आई, सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोंनो ने दिन रात जनता की सेवा की लेकिन तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए शासन की गाइडलाइंस तो जारी है पर शासन के जनप्रतिनिधियों का ध्यान कम है जिसके कारण जावरा की शासकीय अस्पताल की दुर्दशा फिर बिगड़ती नजर आने लगी है ,लगातार अस्पताल की कमियों को उजागर कर दैनिक माधव एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित किया गया हाल ही ईसीजी मशीन खराब होने पर अस्पताल की कमियों को उजागर किया था ,अस्पताल प्रशासन द्वारा ईसीजी मशीन को तत्काल ठीक करवाने के बाद एक बार फिर दो ईसीजी मशीन खराब होने की बात सामने आई है जिसमे अस्पताल में स्टाफ़ से पूछने पर पुष्टि की गई कि मशीने ख़राब है, यदि किसी को ईसीजी करवानी हो तो बाहर करवा सकता है, जनता के लिए ऐसे जवाब सिर्फ सोए हुए जनप्रतिनिधियों के शासन में ही सूने जा सकते है ,वही कोरोना काल मे दान किए वाटर कूलर भी स्टोर रूम में बंद पाए गए ,जिन्हें अस्पताल में उपयोग में नही लाया गया ,आखिर जनता के लिए दान की गई उपयोगी चीजे ही जनता के हित में उपयोग नही हो पा रही है।