नई दिल्ली । भारत सहित दुनिया के कई देशों को कच्चा तेल लेकर आने वाले जहाज काला सागर में तुर्की की जल सीमा में फंस गए हैं। तुर्की ने साफ कर दिया है कि वह बिना उचित बीमा कागजातों के अपने जलक्षेत्र से रूस से क्रूड ऑयल लेकर आ रहे जहाजों को गुजरने नहीं देगा। तुर्की के मेरिटाइम अथॉरिटी ने कहा कि जहाजों की बढ़ती कतार के बावजूद वह चेकिंग जारी रखेगा।
तुर्की के इस अड़ियल रवैए से काला सागर में फंसने वाली मालवाहन जहाजों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है। गौरतलब है कि तुर्की ने जी-7 देशों के रूसी कच्चे तेल की मूल्य सीमा तय करने के बाद बीमा संबंधी नया नियम जारी किया है। तुर्की अब जहाजों से बीमा करने वाली कंपनियों का गारंटी कवर दिखाने की मांग कर रहा है जो यह बताता हो कि जहाज पर लदा तेल 60 डॉलर प्रति बैरल या इससे कम कीमत पर ही खरीदा गया है। कई देशों ने तुर्की पर इस नियम को हटाने के लिए दबाव बनाया है। परंतु तुर्की अभी तक टस से मस नहीं हुआ है। तुर्की के परिवहन मंत्रालय के निकाय ने कहा है कि पर्याप्त कागजातों के बिना तुर्की के जलक्षेत्र में खड़े तेल टैंकरों को वह हटा भी सकता है या उनसे नया पीएंडआई बीमा पत्र मांग सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक काला सागर में इस्तांबुल के बोस्फोरस जलडमरूमध्य को पार करके भूमध्य सागर में प्रवेश करने का इंतजार कर रहे मालवाहक जहाजों की संख्या गुरुवार को 16 से बढ़कर 19 हो गई। वहीं क्रूड ऑयल लदे 9 अन्य मालवाहक जहाज डार्डानेल्स जलडमरूमध्य में फंसे हुए हैं। इस तरह कुल 28 जहाज फिलहाल समुद्र में फंसे हुए हैं। ट्रिबेका शिपिंग एजेंसी के अनुसार बोस्फोरस के उत्तर में प्रतीक्षा कर रहे टैंकर 200 मीटर से अधिक लंबे हैं और अब तक उनके बोस्फोरस जलडमरूमध्य पार करने का कोई समय निर्धारित नहीं हुआ है।
हाल ही में जी7 देशों के समूह और उसके सहयोगी देशों ने रूसी तेल की कीमतों पर 60 डॉलर प्रति बैरल की सीमा तय करने को मंजूरी दे दी है। तुर्की नाटो में शामिल है। इसीलिए अब उसने रूसी तेल पर लगाई गई मूल्य सीमा को लागू करवाने को अपनी जलसीमा से क्रूड ऑयल लेकर गुजरने वाले जहाजों के लिए बीमा संबंधी नए नियम लागू कर दिए। जो मालवाहक जहाज काला सागर में अटके हुए हैं उनमें से अधिकांश यूरोप के लिए कच्चा तेल लेकर जा रहे हैं। वहीं कुछ टैंकर भारत दक्षिण कोरिया और पनामा जा रहे हैं। उन्नीस टैंकरों में कजाकिस्तान से निकला सीपीसी क्रूड है। वहीं एक टैंकर जो भारत तेल लेकर आ रहा है उसमें 1 मिलियन बैरल रूसी कच्चा तेल लदा है।