निप्र,रतलाम मध्य प्रदेश( लखन पंवार) रतलाम जिले के अंतर्गत जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की हालत बहुत खस्ता है कई स्कूलों में पेयजल की कमी है तो कहीं स्कूल भवन जर्जर छत होने के बाद भी संचालित किए जा रहे हैं जिले की कई ग्रामीण आंगनवाड़ीयों की स्थिति भी विचारनीय है एक और शासन प्रदेश के आने वाले उज्जवल भविष्य को शिक्षित करना चाहता हैं तो दुसरी और शिक्षा तंत्र को कमजोर होने से बचाना नही चाहता, वर्तमान में ग्रामीण बेरोजगारी के चलते युवाओं के हाथ से भविष्य निर्माण की किताबें दूर होती नजर आ रही है, विद्यार्थी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पूर्ण शिक्षा नहीं ले पा रहे, वही विद्यालय दूर होने के कारण पढ़ने नहीं जा पा रहें ,एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती मदिरा की दुकानें और स्कूल के आस-पास तंबाकू और सिगरेट के प्रचलन से प्राथमिक विद्यालय के छात्र छात्राओं पर मानसिक प्रभाव पड़ने के कारण युवा अवस्था तक धूम्रपान आदि नशीली आदतों के शिकार होते जा रहें हैं तो वही दुसरी ओर राज्य शासन इस और ध्यान देने की जगह आबकारी नीति को बढ़ाकर भविष्य को अंधेरे में धकेलता जा रहा है, पर्याप्त व्यवस्था ना होने के कारण प्राथमिक स्कूलों और शासकीय माध्यमिक स्कूलों मै विद्यार्थी पढ़ नहीं पा रहे,जिससे शिक्षा से वंचित रह कर युवा अव्यवस्था में पुर्ण शिक्षा न मिलने के कारण युवा बेरोजगार होकर अविचार्नीय कृत्य करते नजर आ रहे है, भारत के विकास में भुमिका रखने वाले विद्यार्थी वर्तमान में शिक्षा से वंचित होते नजर आ रहे हैं ओर राज्य शासन शिक्षा पर ध्यान कम मदिरा के उत्पादन में ज्यादा महत्वता दे रहा है, शासन की आबकारी नीति के चलते हेरिटेज शराब निर्यात करने पर जोर दिया जा रहा है लेकिन शिक्षा पर जोर नहीं दिया जा रहा है, प्रदेश मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री व शिक्षा अधिकारी युवा शिक्षा हितेषी ना होकर युवा भविष्य विरोधी होकर कही प्रदेश को असहाय ना बना दे।