नई दिल्ली । दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रतनलाल ने मांग की है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का जिस तरह से निजी करण हो रहा है। आरक्षण खत्म किया जा रहा है। चौथे नंबर की रईस अडानी समूह को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां और बैंकों से भारी कर दिया जा रहा है। जो विपक्षी दल अडानी समूह के राष्ट्रीयकरण की मांग को घोषणा पत्र मे शामिल करेंगे। दलित समाज उन राजनीतिक दलों का समर्थन करे। प्रोफेसर रतन लाल ने पाखंड कर्मकांड और धर्म के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा समाज को बांट कर दलितों के हक को खत्म किया जा रहा है। यह बाबा साहब अंबेडकर को मानने वालों को स्वीकार नहीं है। लड़ाई लड़ने के लिए अब सभी को मैदान में आना पड़ेगा। जब संस्थाएं ही नहीं रहेंगी, सरकारी नौकरी नहीं रहेगी। तो आरक्षण का कोई मतलब भी नहीं रहेगा। प्रोफेसर रतन लाल ने दिल्ली के रामलीला मैदान में 5 लाख लोगों को एकत्रित कर सरकार और राजनीतिक दलों के ऊपर दबाव बनाने का आह्वान किया है। प्रोफेसर रतन लाल ने अडानी समूह की कंपनियों का राष्ट्रीयकरण की बात कह कर नए विवाद को जन्म दिया है। एक बार फिर अमीरी और गरीबी की बीच की लड़ाई को मैदान में लड़ने की बात कही है।