अनाज मंडी में प्रशासनिक असमानता से व्यापारी परेशान, सुधार की उठी मांग
आष्टा की अनाज मंडी में व्यवस्था की खामियों और खरीफ फसलों की अभूतपूर्व आवक ने व्यापारियों को भारी परेशानियों में धकेल दिया है, जिससे व्यापार संचालन की सुचारूता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
प्रशासनिक व्यवस्था में असमानता और लगातार बढ़ रही खरीफ फसलों की आवक के चलते आष्टा मंडी के अनाज व्यापारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी संबंध में आज अनाज तिलहन व्यापारी संघ ने अपनी प्रमुख व्यापारिक समस्याओं को लेकर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नितिन टाले को एक आवेदन सौंपा और व्यापार संचालन में आ रही दिक्कतों के समाधान की मांग की।जानकारी के अनुसार, इस समय खरीफ सीजन में सोयाबीन और मक्का जैसी फसलों की अत्यधिक आवक हो रही है, जो मंडी प्रांगण की क्षमता से कहीं अधिक है। वहीं, सरकार द्वारा लागू की गई सोयाबीन भावांतर योजना ने भी मंडी पर अतिरिक्त दबाव बढ़ा दिया है। दूसरी ओर आसपास की मंडियों में कुछ क्वालिटी की मक्का को नीलामी से मना कर देने के कारण, आष्टा मंडी में निम्न गुणवत्ता की मक्का की भारी मात्रा में बिक्री हो रही है। इसके बावजूद आष्टा के व्यापारी किसानों को पूरी सुविधा देने का प्रयास कर रहे हैं।व्यापारी संघ ने बताया कि मंडी क्षेत्र में अत्यधिक भीड़ के कारण व्यापारिक गतिविधियों में अवरोध उत्पन्न हो रहा है। इसे देखते हुए प्रशासन से अनुरोध किया गया है कि गेहूं की नीलामशुदा गाड़ियों को सीधे व्यापारियों के मंडी के बाहर स्थित गोदामों में जाने की अनुमति दी जाए, जिससे प्रांगण में राहत मिल सके। इसी प्रकार, जैसे फल-सब्जी मंडी में किसान लहसुन-प्याज की नीलामी नई मंडी परिसर में करवा रहे हैं और आवश्यकता पड़ने पर व्यापारी के गोदाम तक जाकर तौल करवा रहे हैं, वैसे ही अनाज मंडी को भी समान सुविधा दी जानी चाहिए। व्यापारी संघ ने सवाल उठाया कि व्यापार में ऐसी असमानता क्यों बरती जा रही है।व्यापारी संघ ने आवेदन के माध्यम से भावांतर योजना के तहत उत्पन्न व्यवहारिक कठिनाइयों को भी सामने रखा। समय पर खरीदी स्टॉक का सत्यापन न होना और रात 12 बजे के बाद मंडी के जावक गेट बंद किए जाने जैसी समस्याएं प्रमुख हैं। इस पर मंडी सचिव ने व्यापारियों को आश्वस्त किया कि स्टॉक सत्यापन में अब कोई बाधा नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि व्यापारी किसानों की सूची और भुगतान से संबंधित चेक बैंक भेजने से पहले उनकी छायाप्रति मंडी कार्यालय में जमा करें, ताकि प्रक्रिया में सरलता बनी रहे।समग्र रूप से, अनाज व्यापारियों ने प्रशासन से व्यापारिक व्यवस्थाओं में जहां सुधार की मांग की है, वही सबसे गंभीर एक ओर समस्या से अवगत कराते हुए कहा कि बीच मंडी परिसर में सुलभ शौचालय आज पूरी तरह से गंदगी से लबरेज हे ओर उसकी गंदगी व्यापारियों की दुकानों के सामने या तो फैल रही हे या सामने सड़क के गड्ढों में इकट्ठी हजार बहुत बदबू मार रही हे , जिससे सुलभ शौचालय के आसपास के व्यापारियों का व्यापार करना ओर अपने गोदामों के सामने खड़ा होना दुश्वार हो गया हे । मंडी प्रशासन को चाहिए कि इन ज्वलंत मुद्दों पर संज्ञान लेकर संस्यायवजा निदान करे ।ताकि वर्तमान खरीफ सीजन का संचालन सुचारू रूप से हो सके।
