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झाबुआ। शहर के उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर चल रहे मेले में 8 जनवरी, शनिवार रात करीब 10 बजे मेला स्थल पर हजारों की भीड़ के बीच अचानक से भगदड़ मच गई। इस कारण मेला स्थल पर कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया। इस बीच पुलिस को सूचना देने पर तत्काल पुलिस ने पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। जनमानस में बड़ा प्रश्न यह है कि शासन प्रशासन से मेला या सामूहिक कार्यक्रम निरस्तीकरण के आदेश के बावजूद आखिरकार उत्कृष्ट मैदान पर किस तरह मेले का संचालन हो रहा है …. ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार रात को मेले में बड़ी तादाद में शहर सहित आसपास के अंचलों से ग्रामीणजनों की भीड़ एकत्रित हो जाने से उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर धक्का-मुक्की एवं गहमागहमी भरा माहौल निर्मित हो गया। इसी बीच युवाओं के कुछ समूह के बीच हाथापाई और मारपीट शुरू होने से मेले का आनंद ले रहे लोगों में भी धक्का-मुक्की और भागदौड़ आरंभ हो गई। पुलिस को सूचना मिलने पर तत्काल पुलिस थाने की टीम ने उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पहुंचकर जमा हो रही सैकड़ों की तादाद में लोगों की भीड़ को तितर-बितर किया। विवाद कर रहे युवकों को भी पृथक कर उन्हें अपने घरों की ओर रवाना किया।
दुकानों को भी करवाया बंद
सूचना मिलने पर एसडीओपी झाबुआ इडल मौर्य एवं थाना प्रभारी सुरेंद्रसिंह गाडरिया ने भी मोर्चा संभालते हुए पुलिस वाहन के माध्यम से भ्रमण कर स्थिति को नियंत्रण करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद उत्कृष्ट मैदान पर और मुख्य बाजारों में भीड़ छट पाई और स्थिति नियंत्रित हो सकी। पुलिस ने उत्कृष्ट विद्यालय मैदान, सज्जन रोड और मुख्य बाजारों में स्थित दुकानों को भी शांति व्यवस्था के मद्देनजर बंद करवाया।
मेला कार्यक्रमों पर प्रतिबंध के आदेश के बाद भी आखिर कैसे हो रहा आयोजन
बड़ा प्रश्न यह है कि विगत 4 जनवरी देर शाम मध्यप्रदेश शासन गृह मंत्रालय से संपूर्ण प्रदेश में किसी भी प्रकार के मेले और सामूहिक कार्यक्रम प्रतिबंधित करने के सख्ती से आदेश जारी हो चुके हैं। वहीं जिला कलेक्टर सोमेश मिश्रा की ओर से भी जारी किए गए धारा 144 के तहत आदेश में मेला और सामूहिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध किया गया है, लेकिन फिर भी विगत 3 जनवरी से अब तक मेला आयोजन होना समझ से परे नजर आता है। ज्ञातव्य रहे कि विगत दिनों प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने मेला स्थल उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर पहुंचकर यहां अवलोकन कर मेला आयोजक को मेला बंद करने हेतु निर्देशित किया गया था, बावजूद इसके अब तक मेला संचालित क्यों हो रहा है ?, 9 जनवरी, रविवार को दोपहर मेला पुनः चालू करने की सूचना मिलने पर मौके पर तहसीलदार आशीष राठौर एवं एसडीओपी झाबुआ इडल मोर्य ने पहुंचकर सख्ती से मेला आयोजक को तत्काल मेला बंद करने की हिदायत दी एवं मेला स्थल पर जमा भीड़ को भी छटवाया गया।
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