
नई दिल्ली (ऊषा माहना/ माधव एक्सप्रेस)
पर्यटन, ईवी ट्रांजिशन – चुनौतियाँ और संभावनाएँ विषय पर केंद्रित
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC), देश के सड़क परिवहन क्षेत्र की शीर्ष संस्था है जो 1936 से मालवाहन और यात्री परिवहन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर रही है। यह संस्था लगभग 95 लाख ट्रक ऑपरेटरों और 20 लाख निजी बस, टैक्सी व मैक्सी कैब ऑपरेटरों का प्रतिनिधित्व करती है, और देशभर में 3500 से अधिक तालुका, जिला एवं राज्य स्तरीय परिवहन संघों, यूनियनों और महासंघों की प्रतिनिधि संस्था है।
डॉ. हरीश सभरवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष – AIMTC के नेतृत्व में राष्ट्रीय ट्रक एवं बस मीट का आयोजन 28 अप्रैल 2025 को कसौली, हिमाचल प्रदेश में किया गया। इस बैठक का केंद्रीय विषय था: “पर्यटन, ईवी ट्रांजिशन – चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ”।
इस कार्यक्रम में श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, माननीय मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश; श्री हर्ष मल्होत्रा, माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री – सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार; स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, विधायक विनोद सुल्तानपुरी (कसौली) और संजय अवस्थी (अर्की) एवं पर्यटन, उद्योग और परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
मुख्यमंत्री श्री सुक्खू ने अपने मुख्य भाषण में इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर तीव्र संक्रमण की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि राज्य सरकार मजबूत ईवी बुनियादी ढाँचा विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सतत पर्यटन और हरित विकास के उद्देश्यों के अनुरूप इको-फ्रेंडली मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए राज्य के नेतृत्वकारी दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना की जानकारी दी, जिसके तहत ई-वाहनों की खरीद पर 50% सब्सिडी दी जा रही है और उन्हें सरकारी विभागों से जोड़कर 4 वर्षों के लिए रोजगार सुनिश्चित किया जा रहा है।
उन्होंने राज्य में पर्यटन को सुदृढ़ बनाने की समग्र रणनीति को साझा किया और परिवहन व पर्यटक ऑपरेटरों से आग्रह किया कि वे कनेक्टिविटी व मोबिलिटी सुधारों के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने वाले नवाचार करें।
डॉ. हरीश सभरवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, AIMTC ने कहा कि परिवहन क्षेत्र ईवी में ट्रांजिशन और पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर पूर्णतः प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हमारा राष्ट्रीय दायित्व है कि हम आपकी हरित पहलों में सक्रिय सहयोग करें और हम यह प्रस्तुत करते हैं कि परिवहन उद्योग ईवी को अपनाने, पर्यटन को सशक्त करने एवं पूरे राज्य में ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए तत्परता से कार्य करने को इच्छुक है।”
उन्होंने परिवहन क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं को उजागर किया जैसे – बॉर्डर चेकपोस्ट्स का उन्मूलन, ई-चालान प्रणाली का दुरुपयोग, एनजीटी ग्रीन टैक्स मुद्दा, टोल टैक्स की 100% और स्थायी वसूली, मालवाहक वाहनों पर पैनिक बटन की अनिवार्यता न हो आदि। इन विषयों को उन्होंने माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा के समक्ष रखा और मंत्रालय से इन समस्याओं के समाधान हेतु तत्पर हस्तक्षेप की मांग की।
श्री हर्ष मल्होत्रा, माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री – सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने आश्वस्त किया कि मंत्रालय परिवहन उद्योग की सभी समस्याओं के समाधान के लिए पूर्ण सहयोग करेगा। उन्होंने उपग्रह आधारित टोल (Satellite based Tolling) प्रणाली पर केंद्र की नीति पर प्रकाश डाला, जिसमें वाहनों द्वारा तय की गई दूरी के अनुसार टोल का भुगतान किया जाएगा और राजमार्गों पर लगभग 1000 विश्रामगृहों के विकास की योजना की जानकारी दी,
उन्होंने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, जैव ईंधन, सड़क सुरक्षा और आधारभूत ढांचे के आधुनिकीकरण जैसे विषयों पर भी चर्चा की और AIMTC की नीति और जमीनी वास्तविकताओं के बीच की भूमिका की सराहना की।
इस विशेष अवसर पर AIMTC ने पद्म विभूषण स्वर्गीय श्री रतन एन. टाटा जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कीविशेष अवसर पर AIMTC ने पद्म विभूषण स्वर्गीय श्री रतन एन. टाटा जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और भारतीय सड़क परिवहन समुदाय की ओर से “लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड” उन्हें समर्पित किया । यह सम्मान श्री राजेश कौल, Vice President & Business Head, टाटा मोटर्स लिमिटेड द्वारा प्राप्त किया गया।
इस अवसर पर श्री अंशुमान सिंघानिया, मैनिजिंग डायरेक्टर , जेके टायर्स एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने भी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई और उन्हें उनके ऊर्जावान नेतृत्व के लिए सम्मानित किया गया।
AIMTC की 217वीं प्रबंध समिति की बैठक के दौरान नव-निर्वाचित प्रबंध समिति के सदस्यों ने शपथ ग्रहण किया। इस बैठक में देशभर से आए सदस्यों ने उद्योग पर प्रभाव डालने वाले प्रमुख मुद्दों जैसे –ऑपरेशन लागत में वृद्धि, टोल टैक्स वृद्धि, ई-चालान का दुरुपयोग, बॉर्डर चेकपोस्ट्स का उन्मूलन आदि पर विस्तार से चर्चा की, जो सड़क परिवहन क्षेत्र के अस्तित्व को संकट में डाल रहे हैं।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में देशभर से आए 600 से अधिक उद्योग नेताओं, परिवहन संघों, लॉजिस्टिक्स कंपनियों, बस व पर्यटन ऑपरेटरों एवं अन्य प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया और इसे एक ऐतिहासिक एवं सफल आयोजन बनाया।