
– पद्मभूषण कमलेश डी. पटेल संग पाई डी.लिट की मानद उपाधि
– विद्यार्थियों से कहा- गोल्ड मेडल जवाबदारी बढ़ाते,.
उज्जैन :
विक्रम विश्वविद्यालय का 29वां दीक्षा समारोह रविवार को स्वर्ण जयंती सभागार में हुआ। समारोह में राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने विश्वविद्यालय की तरफ से मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव और हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट के संस्थापक पद्मभूषण कमलेश डी. पटेल को डी.लिट की मानद उपाधि प्रदान की। वर्ष 2024 के पंजीबद्ध 64 पीएचडी, 2 डी.लिट उपाधि धारकों को उपाधि तथा स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षा की प्रावीण्य सूची में आए 41 विद्यार्थियों को गोलड मैडल प्रदान कर सम्मानित किया।
डा. मोहन यादव को समाज के वंचित वर्ग के उत्थान और समाज सेवा में असाधारण समर्पण के लिए और कमलेश डी. पटेल को वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने के लिए डी. लिट की मानद उपाधि प्रदान की गई है। उद्बोधन में मुख्यमंत्री ने उज्जैन के 56 वर्ष पुराने विक्रम विश्वविद्यालय का नाम ‘सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय’ किए जाने की घोषणा की है।
. स्थानीय लोग जानते कि सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर ही विश्वविद्यालय का नाम है, मगर बाहरी लोग नहीं जानते। अधूरा ‘विक्रम’ नाम खटकता है। इसलिए राज्यपाल और उच्च शिक्षा मंत्री की अनुमति से सरकार नाम में जल्द संशोधन करेगी। उन्होंने स्वर्ण जयंती सभागार में विद्यार्थियों, शिक्षकों को बैठने के लिए कुर्सियां न मिलते देख तीन गुना बड़ा सभागार विश्वविद्यालय में बनवाने की घोषणा भी की। विद्यार्थियों से कहा कि गोल्ड मेडल जवाबदारी बढ़ाते हैं, आपसे देश-प्रदेश को अपेक्षा है। भविष्य की अनगिनत संभावनाएं आपका इंतजार कर रही हैं। उन्होंने ये भी कहा कि आज के बच्चे भाग्यशाली हैं जिन्हें दीक्षा समारोह में राज्यपाल के हाथों उपाधि, मेडल मिल रहे। जब मैंने बीएससी, एलएलबी, एमए, पीएचडी की थी तब दीक्षा समारोह में मेरा नंबर नहीं आया था। क्योंकि दीक्षा समारोह का क्रम निश्चित नहीं था। इस वर्ष दीक्षा समारोह में मुख्यमंत्री, राज्यपाल, पद्मभूषण, मंत्री, राज्यसभा सदस्य, सांसद मंच पर होने का जो संयोग बना है वो शायद ही पहले बना होगा। पद्मभूषण कमलेश पटेल ने उद्बोधन में योग, ध्यान का महत्व बताया। उच्च शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने विद्यार्थियों से उम्मीद जताई कि वे विश्वविद्यालय से प्राप्त ज्ञान का उपयोग कर देश और समाज में सकारात्मक वातावरण निर्माण करेंगे। विकसित भारत बनाने में भूमिका का निर्वहन करेंगे। कहा कि देश में भाषा को लेकर कई लोग विवाद खड़ा करना चाहते हैं मगर मध्यप्रदेश ने निर्णय लिया है कि वो विश्वविद्यालयों में विभिन्न भाषाओं में अध्यापन की व्यवस्था कर संपूर्ण देश तक आवाज पहुंचाएगा कि भाषाएं जोड़ने का काम करती, तोड़ने का नहीं। समारोह में दीक्षा भाषण कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने दिया। मंच पर राज्यसभा सदस्य उमेशनाथ महाराज, सांसद अनिल फिरोजिया एवं कार्य परिषद सदस्य मंचासीन थे।
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विक्रम विश्वविद्यालय इन्हें भी दे चुका मानद उपाधि
लगभग डेढ़ दशक के एक लंबे अंतराल के बाद विक्रम विश्वविद्यालय ने मानद उपाधि प्रदान की है। इसके पहले विश्वविद्यालय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि, लेफ्टीनेंट कर्नल राजवर्धन सिंह राठौर, पूर्व न्यायाधीश रमेशचंद्र लहोटी, सोमया दीक्षित, इफको के प्रबंध निदेशक उदयशंकर अवस्थी, पत्रकार आलोक मेहता और पद्मभूषण डा. अनिल कोहली को मानद उपाधि प्रदान कर चुका है।
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आज महर्षि पाणिनि विश्वविद्यालय का दीक्षा समारोह
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