शरद पूर्णिमा को रात्रि 12 बजे बाद खीर का महत्व
थांदला से (विवेक व्यास माधव , एक्सप्रेस) थांदला नगर के अस्पताल चौराहा मार्ग पर स्थित मठवाला कुआँ माता मंदिर पर आज 20 अक्टूबर बुधवार को शरद पूर्णिमा के दिन रात्रि में 8:30 से गरबो का आयोजन के बाद रात्रि 12 बजे महाआरती की गई वहीं महा प्रसादी में डेढ़ कुंटल साबूदाने के खीर का वितरण किया धार्मिक मान्यताओं के शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा और माता लक्ष्मी के पूजन का विधान है। इस दिन माता लक्ष्मी का पूजन मुख्य रूप से फलदायी होता है। इसलिए पूरे श्रद्धा भाव से माता का पूजन करें और उन्हें खीर का भोग अर्पित करें। ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी के पूजन का अलग महत्व है। यह समस्त पापों से मुक्ति दिलाता है। इस दिन चंद्रमा की किरणों से निकलने वाले अमृत से मिलकर बनी खीर का भोग व्यक्ति को निरोगी करने के साथ कई कष्टों से मुक्ति दिलाता है। इसके अलावा शरद पूर्णिमा का महत्व और ज्यादा इसलिए भी है क्योंकि इस दिन मां लक्ष्मी रात्रि भर भ्रमण करती हैं और इनके पूजन से घर में धन-संपदा का आगमन होता है। सभी श्रधालुओं को मठ वाला कुआँ माता मंदिर पर पधारने के लिए समिति द्वारा सभी भक्तों का बहुत बहुत आभार इस धर्मलाभ में अधिक से अधिक संख्या में पधार कर धर्म लाभ लिया