
यह फिल्म निठारी कांड जैसे गंभीर मुद्दे को एक नई दृष्टि से प्रस्तुत करती है, जो आपके दिमाग पर गहरा असर छोड़ने में सक्षम है।
*समीक्षक: डॉ. महेन्द्र यादव*
*फ़िल्म का नाम*: सेक्टर 36
*कलाकार*: विक्रांत मैसी, दीपक डोबरियाल
*निर्देशक*: आदित्य निंबालकर
*रिलीज़ तिथि*: 13 सितंबर 2024
### परिचय:
निठारी कांड की भीषण और दर्दनाक घटनाओं पर आधारित फिल्म ‘सेक्टर 36’ एक सजीव और संवेदनशील थ्रिलर है जो दर्शकों को अपनी सीट से बांधकर रखती है। आदित्य निंबालकर द्वारा निर्देशित इस फिल्म में विक्रांत मैसी और दीपक डोबरियाल ने अपने अभिनय के नए आयाम प्रस्तुत किए हैं।
यह फिल्म न केवल क्राइम और थ्रिल का संतुलन बनाती है, बल्कि सामाजिक और नैतिक प्रश्नों को भी उठाती है। निठारी की भयावह सच्चाई को परदे पर लाना आसान नहीं था, लेकिन इस फिल्म ने उस जटिलता को पूरी संवेदनशीलता और दमदार अभिनय के साथ प्रस्तुत किया है।
### *कहानी*:
‘सेक्टर 36’ एक साइकोपैथ सीरियल किलर की कहानी है, जिसे विक्रांत मैसी ने बेहद प्रभावी ढंग से निभाया है। उनकी बारीक अदाकारी से इस किरदार को एक नई ऊंचाई मिलती है। दूसरी ओर, दीपक डोबरियाल ने एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर का किरदार निभाया है, जो अपने सिद्धांतों के प्रति निष्ठावान है, लेकिन उसे भ्रष्ट और जटिल सिस्टम के साथ तालमेल बिठाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
फिल्म की कहानी निठारी कांड की घटनाओं से प्रेरित है, जहाँ एक साइकोपैथ की क्रूरता और पुलिस की जांच प्रक्रिया को बहुत ही गहराई से दिखाया गया है। प्रेम (विक्रांत) का किरदार दोहरी परतों में लिपटा हुआ है – वह अपनी पत्नी और बेटी के लिए एक सामान्य इंसान की तरह नरम है, जबकि दूसरी ओर वह एक निर्दयी अपराधी भी है। पांडे (दीपक डोबरियाल) की भूमिका एक ईमानदार इंसान की है, जो सिस्टम की भ्रष्टता से जूझते हुए सच्चाई की तलाश करता है। इन दोनों पात्रों के संघर्ष से फिल्म का सस्पेंस और गहराई बनती है।
### *अभिनय*:
विक्रांत मैसी ने इस फिल्म में जिस प्रकार साइकोपैथ किलर की भूमिका निभाई है, वह बेहद प्रशंसनीय है। उनकी आंखों की भावनाएं, हाव-भाव, और बॉडी लैंग्वेज उन्हें उनके किरदार में पूरी तरह से ढाल देते हैं। यह विक्रांत के करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहाँ उन्होंने अपने कोमल और साधारण छवि से अलग हटकर इस जटिल किरदार को जीवंत किया है।
दीपक डोबरियाल ने पुलिस अधिकारी के रूप में एक सशक्त प्रदर्शन किया है। उनके किरदार की ईमानदारी और अंतर्द्वंद्व को वे पूरी निपुणता से निभाते हैं। वे न केवल एक इमानदार पुलिस अधिकारी के रूप में बल्कि एक संवेदनशील इंसान के रूप में भी दर्शकों के दिलों में जगह बनाते हैं।
### *निर्देशन*:
आदित्य निंबालकर का निर्देशन बेहद कसा हुआ और सटीक है। निठारी कांड जैसी गंभीर और संवेदनशील घटना पर आधारित कहानी को उन्होंने जिस संवेदनशीलता से पेश किया है, वह काबिले तारीफ है। फिल्म का हर दृश्य एक नए रहस्य और सस्पेंस से भरा है, जो दर्शकों को अंत तक बांधकर रखता है।
### *थीम और संदेश*:
‘सेक्टर 36’ केवल एक क्राइम थ्रिलर नहीं है, यह सामाजिक मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करती है। फिल्म में भ्रष्टाचार, ऊंच-नीच की राजनीति, और अमीर-गरीब के संघर्ष को बड़े सलीके से उकेरा गया है। इन मुद्दों को बिना अधिक भाषणबाजी के प्रस्तुत करना निर्देशक की कुशलता का प्रमाण है। यह फिल्म दिखाती है कि किस प्रकार अपराध और सिस्टम की कमजोरियां एक आम इंसान के जीवन को प्रभावित करती हैं।
### *तकनीकी पक्ष*:
फिल्म का छायांकन (सिनेमैटोग्राफी) और संपादन दोनों ही फिल्म की गति और कहानी को और गहराई देते हैं। सौरभ गोस्वामी का कैमरा वर्क फिल्म को एक रियलिस्टिक फील देता है, जबकि ए. श्रीकर प्रसाद के संपादन से कहानी में कोई ढीलापन नहीं आता। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर भी सस्पेंस और थ्रिल को और मजबूत बनाता है।
### *कमजोर पक्ष*:
फिल्म की शुरुआत धीमी लग सकती है और कुछ हिस्सों में कहानी थोड़ा खिंची हुई प्रतीत होती है, लेकिन इसके बावजूद यह दर्शकों को बोर नहीं करती।
### *निष्कर्ष*:
‘सेक्टर 36’ एक सशक्त और संवेदनशील क्राइम थ्रिलर है, जिसमें सस्पेंस, थ्रिल और सामाजिक संदेश का अद्भुत मेल है। विक्रांत मैसी और दीपक डोबरियाल की जबरदस्त अदाकारी, आदित्य निंबालकर का कुशल निर्देशन और फिल्म का मजबूत प्लॉट इसे एक यादगार अनुभव बनाते हैं। यह फिल्म निठारी कांड जैसे गंभीर मुद्दे को एक नई दृष्टि से प्रस्तुत करती है, जो आपके दिमाग पर गहरा असर छोड़ने में सक्षम है।
*रेटिंग*: 4.5/5