इंदौर। -हृदय हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है जिसका सही तरीके से कार्य करते रहना आवश्यक है। हृदय में नसें और वाल्व हृदय को सुचारू रुप से चलाने का कार्य करते हैं। यदि इनमें थोड़ी सी भी खराबी आ जाएं तो व्यक्ति को कई तरह की तकलीफें होना शुरु हो जाती है। यही नहीं यदि ध्यान नहीं दिया गया तो इंसान की जान भी जोखिम में जा सकती है। हार्ट के वाल्व की बीमारियां कई लोगों में जन्मजात या किसी अन्य कारणों से हो सकती है। इसे लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां दे रहे हैं इंदौर स्थित कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल के डॉ. प्रदीप पोखरना, कन्सल्टेन्ट, कार्डियों वेस्कुलर एंड थोरेसिक सर्जरी-
हृदय के वाल्व की बीमारियां
हमारे हृदय में चार वाल्व होते है जिनका कार्य रक्त को सुचारू रूप से चलाना होता है। आप भी इनमें किसी प्रकार की सिकुड़न या रिसाव होता है तब इसे Valvular heart disease कहा जाता है।
हार्ट वेल्वुलर डिजीज के चार प्रमुख कारण
1. Rheumatic heart disease: यह 5-15 वर्ष की उम्र से शुरु होता है। यह दांतो या गले के Infection की वजह से होता है जिससे धीरे-धीरे वाल्व खराब होता जाता है। भारत में प्रमुख रूप से इस बीमारी के होने का यही कारण होता है। इसका असर जीवनकाल में कभी भी हो सकता है।
2. Degenerative heart disease: यह सामान्य तौर पर वृद्धावस्था में पाया जाता है। समय के साथ वाल्व घिस जाने की वजह से होता है।
3. Ischemic valve disease: यह हार्ट अटैक होने की वजह से होता है, जिससे वाल्व कमजोर होकर रिसाव करने लगता है।
4. Infective endocrines: यह स्थिती हृदय में Infection होने की वजह से वाल्व मे सड़न हो जाती है।
इस बीमारी के लक्षण
चलने में साँस फूलना, दिल की धड़कन बिगड़ना, चक्कर आना, शरीर मे सूजन होना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। इसमें जांच के द्वारा बीमारी का पता लगाया जा सकता है। Echocardiography इसके लिए प्रमुख जाँच होती है। यदि यह लक्षण दिखाई दे तो तुरंत ही ऐसे अस्पताल में जांच कराएं जहां चौबीस घंटे डॉक्टरों की उपलब्धता हो ताकि समय पर इलाज भी मिल सके।
इसके इलाज के विकल्प
शुरुआती अवस्था मे इसमें दवाईयों से इलाज किया जाता है। बीमारी बढ़ने पर इसमें आपरेशन द्वारा वाल्व को Repair किया जाता है या वाल्व बदला जाता है। यह वाल्व की स्थिति के अनुरूप निर्धारित किया जाता है। आपरेशन के बाद मरीज सामान्य जीवन जी सकता है। हालांकि कुछ सामान्य परहेज और कुछ दवाएं लेते रहने से बिना किसी परेशानी के सामान्य रूप से वाल्व अपना काम कर सकता है।