उज्जैन(माधव एक्सप्रेस)
संपूर्ण विश्व में वर्षाजल के कारण ही व्यवस्थाएं संचालित होती है हमारा भारत कृषि प्रधान देश है यहां 75 प्रतिशत लोग कृषि पर आधारित है और इस कृषि आधारित व्यवस्था से संपूर्ण भारत की अर्थव्यवस्था संचालित होती हैं
वर्तमान समय में किसानों ने सोयाबीन, धान इत्यादि वर्षा कालीन फसल की बुवाई कर दी है और इस फसल के लिए पानी की जिस प्रकार से आवश्यकता हो रही है उस प्रकार से पानी की बरसात नहीं हो रही है
इसलिए सभी लोग अपने-अपने स्तर पर अपने अपने इष्ट देव को मनाने का प्रयत्न कर रहे हैं कहीं पर उज्जैनी तो कहीं पर टोने टोटके करके इंद्रदेव को मनाने का प्रयास किया जा रहा है
उज्जैनी की परंपरा और टोने-टोटके की परंपरा आदि काल से चली आ रही है और इन परंपराओं से इंद्रदेव औरखेती किसानी के लिए जल वर्षा करते रहे हैं ।
सभी जगह मंदिरों में अभिषेक पूजन कीर्तन भजन रामायण पाठ इत्यादि करके भगवान को अच्छी वर्षा के लिए मनाया जा रहा है
प्रजापति समाज भी 21 जुलाई को जैथल स्थित दूधेश्वर महादेव मंदिर पर उत्तम वर्षा के लिए भगवान श्री दूधेश्वर महादेव का अभिषेक पूजन करेगा ।
भगवान दूधेश्वर महादेव से अच्छी वर्षा की मनोकामना के साथ ही प्रार्थना की जाएगी की कोरोना महामारी के प्रकोप से संपूर्ण विश्व को बचाएं और भारत तथा मध्य प्रदेश में महामारी की तीसरी लहर का प्रकोप शून्य रहे जिससे मध्य प्रदेश और देश इस महामारी से सुरक्षित होकर आर्थिक संपन्नता की ओर आगे बढ़े ।
दूधेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन के प्रसिद्ध 84 महादेव मंदिरों में 84 /84 वां स्थान है जो अपने आप में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है इसलिए इसका महत्व महाकाल मंदिर के समान ही हैं भगवान महाकाल के अंश श्री दूधेश्वर महादेव मंदिर पर प्रजापति समाज उत्तम वर्षा के लिए अभिषेक पूजन करेगा ।