इन्दौर(माधव एक्सप्रेस)
सिनेमा जगत के वरिष्ठ फिल्म वितरक ओपी गोयल ने बताया कि शासन-प्रशासन ने 50 फीसदी क्षमता के साथ सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति भले ही दे दी हो,मगर हकीकत यह है कि अभी सभी सिंगल स्क्रीन सिनेमा और मल्टीप्लेक्स बंद ही पड़े हैं।
इस संदर्भ में हमने प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से भी समय मांगा है। फिल्म जगत की समस्याओं और टेक्स फ्री करने की मांग हम उनके सामने रखेंगे। इंदौर में कल सिर्फ एक सिनेमा शुरू हुआ,जिसमें दिलीप कुमार की फिल्म नया दौर लगाई और लगभग 65 दर्शकों ने उसे देखा। अभी नई कोई बड़ी फिल्म भी रिलीज नहीं हो रही और सिनेमा संचालकों को सम्पत्ति, बिजली से लेकर तमाम टैक्सों में छूट का भी इंतजार है। इस संबंध में सेंट्रल सर्किट सिने एसोसिएशन ने एक ज्ञापन भी मुख्यमंत्री और इंदौर के प्रभारी मंत्री को सौंपा है।
कोरोना के चलते सिनेमा उद्योग भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ और 16 माह से अधिकांश समय तक भी सिनेमा बंद पड़े रहे।इंदौर में 5 सिंगल स्क्रीन और 20 मल्टीप्लेक्स शॉपिंग मॉलों में मौजूद हैं। मगर किराए से लेकर भारी-भरकम बिजली बिल,स्टाफ का वेतन और अन्य खर्चें हैं।अभी शासन-प्रशासन ने 50 फीसदी दर्शक क्षमता के साथ सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति दे दी है।मगर दिक्कत यह है कि महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में अभी भी कोरोना संक्रमण चल रहा है और कई बड़ी फिल्में रिलीज नहीं हो रही है। 15 अगस्त के आसपास ही बड़ी फिल्मों के रिलीज होने की संभावना है। अब आज अगर सिनेमाघर खोल लिए जाएं तो किराया,बिजली से लेकर स्टाफ की सैलरी सहित अन्य खर्चे शुरू हो जाएंगे।ऐसे में फिल्म निर्माता और सिनेमा मालिक कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं।
बता दें कि पुरानी फिल्में देखने गिनती के भी दर्शक नहीं पहुंचते हैं। पिछले अनलॉक में भी जो सिंगल स्क्रीन व मल्टीप्लेक्स शुरू किए गए। वे थोड़े ही दिन बाद बंद करना पड़े।
फिल्म वितरक ओपी गोयल का कहना है कि पूरी क्षमता के साथ सिनेमाघर खुलें और नई फिल्मों के साथ शासन से जो छूट मांगी गई है वह भी दी जाए,तब ही सिनेमा उद्योग पुन:पटरी पर आ सकता है।अभी इंदौर आए प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा से भी मुलाकात कर सेंट्रल सर्किट सिने एसोसिशन ने अपनी समस्या बताई थी।
गुजरात सरकार ने दी है सिनेमा जगत को संकट काल में सुविधा
गुजरात की तरह बिजली बिल,सम्पत्ति कर व अन्य छूट दी जाए और 10 लाख तक का रियायती दरों पर लोन भी,ताकि सिनेमाघरों में सुधार और आधुनिकीकरण के काम करवाए जा सकें।