:: पंचकल्याणक महोत्सव में मना ज्ञान कल्याणक का उत्सव – नाटक के माध्यम से बताया ज्ञान कल्याणक का महत्व ::
:: आज मोक्ष कल्याणक के साथ होगा पंचकल्याणक का समापन ::
:: समवशरण की रचना कर लाभार्थी परिवारों ने किया पूजन ::
:: भोजन स्थल पर पंचकल्याणक महोत्सव समिति के पदाधिकारी दे रहे झूठन नहीं छोड़ने का संदेश ::
इन्दौर । अध्ययन, ध्यान मुनियों का धर्म है और दान व पूजन श्रावक का मुख्य कार्य है।भगवान के आगे श्रद्धा के बगैर झुकाया सिर खेत में खड़े बिजवे के समान होता है। जिसने अपने जीवन में व्रतों को धारण किया है वही मोक्ष को प्राप्त करता है। यह बात आज पंच कल्याणक महोत्सव में ज्ञान कल्याणक के अवसर पर दिगंबर जैन संत आदित्य सागर जी महाराज ने कही। इसके पूर्व आज सुबह नित्य पूजन विधि विधिकारको द्वारा संपन्न करवाई गई। वहीं भोजन शाला में महोत्सव समिति के पदाधिकारियों द्वारा थाली में झूठन नहीं छोड़ने का संदेश भी दिया जा रहा है।
:: दो मुनियों का मिलन ::
दिगम्बर जैन अम्बिकापुरी-परमहंस नगर धार्मिक न्यास से जुड़े राजेश कानूनगो, विजेंद्र सोगानी एवं अभिषेक सेठी ने बताया कि आज ज्ञान कल्याणक के अवसर में श्रद्धालुओं में उत्साह का संचार हो गया ज़ब दो मुनियों का मिलन हुआ। आज नगर में पधारे प्रणुत सागर जी भई महोत्सव में शामिल हुए। आदित्य सागर जी ने प्रणुत सागर जी का गले मिलकर सम्मान किया। गुरुदेवों के जयकारे से समूचा पांडाल गुंजायमान हो उठा। दोनों ही मुनिवृंदो कि उपस्थिति में कार्यक्रम स्थल पर बनाए। समवसरण में भगवान कि प्रतिमाए स्थापित की गई।
:: आज मोक्ष कल्याणक के साथ होगा पंचकल्याणक का समापन ::
बुधवार को जनकल्याणक महोत्सव में मोक्ष कल्याणक महोत्सव के साथ ही इस 4 दिवसीय महामहोत्सव का समापन होगा। कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित किया जाएगा। जिसमें सुबह के सत्र में लाभार्थी परिवारों द्वारा नित्य पूजन की विधि विधिकारकों के निर्देशन में संपन्न होगी। वहीं 7 बजे आदिकुमार का कैलाश पर्वत से आदिप्रभु मोक्षगमन को नाटक के माध्यम से मंचित किया जाएगा। वहीं 8 बजे श्रीजी की शोभायात्रा व सम्मान समारोह के साथ ही इसका समापन होगा। महोत्सव के प्रमुख गौरव गजेन्द्र जैन (गिन्नी ग्रुप) रहेंगे।
:: 37वॉं अवतरण दिवस मनेगा ::
पंचकल्याणक महोत्सव के समापन अवसर पर मुनिश्री 108 श्री आदित्य सागर मुनिराज का 37 वां अवतरण दिवस भी इस अवसर पर श्रावक-श्राविकाओं द्वारा मनाया जाएगा। जिसमें विनयाजंलि एवं अन्य मांगलिक क्रियाएं मुनिश्री के सान्निध्य में संपन्न की जाएगी।