नई दिल्ली । सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अधिक कड़े सुरक्षा और उत्सर्जन मानदंडों पर जोर देने के साथ-साथ देश में परिवहन के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। भारतीय ऑटोमोटिव इंडस्ट्री और मोबिलिटी को विश्वस्तरीय बनाने के लिए जरूरी ढ़ांचागत बदलावों के साथ-साथ वाहन इंडस्ट्री में भी बदलाव लाने की कोशिश की जा रही हैं।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने हाल ही एक कार्यक्रम में कहा सरकार हाईवे पर ड्राइविंग के दौरान ऑन डिसिप्लिन के लिए एक नए कानून पर काम कर रही है। इसे जल्द ही भारत में लागू किया जा सकता है। गडकरी ने कहा दुनिया भर में ट्रक और बसें केवल एक लेन पर चलती हैं लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। यहां इसकी काफी अनदेखी की जाती है। मैंने अपनी टीम को ऐसी पॉलिसी पर काम करने के लिए कहा है जिससे यह अनिवार्य हो कि ये कमर्शियल वाहन केवल एक ही लेन में चलें।
गडकरी ने कहा कि जहां सड़क के बुनियादी ढांचे और वाहनों में सुधार हुआ है वहीं कुछ जगहों पर मौजूदा स्पीड लिमिट भी तुलनात्मक रूप से काफी कम है। वाहन उपयोगकर्ता मौजूदा स्पीड लिमिट के साथ महत्वाकांक्षी दिल्ली-जयपुर राजमार्ग के बीच 2 घंटे से कम समय में कैसे यात्रा कर पाएंगे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार इसे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा ऐसा हाईवे जहां बीच में कोई चौराहा नहीं है और वाहन एक ही दिशा में चल रहे हैं वहां हम वाहनों की अधिकतम स्पीड को 140 किमी प्रति घंटे तक बढ़ा सकते हैं। मैंने ऐसे राज्यों के संबंधित मंत्रियों के साथ एक्सप्रेस हाईवे के बारे में चर्चा की है। हां कुछ लेन ऐसी होंगी जहां स्पीड लिमिट 120 किमी प्रति घंटे होगी। शहरों में यह 60-80 किमी प्रति घंटे के बीच हो सकती है। हमने नई अच्छी सड़कें बनाई हैं और स्पीड लिमिट पुरानी है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि देश में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए फ्लेक्स फ्यूल और ई-वाहनों को बढ़ावा देने की जरूरत है। ऐसे वाहनों में ईंधन के रूप में पेट्रोल और एथनॉल या मेथनॉल के मिश्रण का इस्तेमाल किया जाता है।