देवास (माधव एक्सप्रेस)
माँ चामुंडा की नगरी देवास में आयोजित अखिल भारतीय कवि समागम 2022 मे बतौर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ . भरत शर्मा (सदस्य – संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार) और म. प्र . सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और हाटपिपालिया से विधायक श्री सज्जन सिंह वर्मा जी के विशेष आतिथ्य मे साहित्य समन्वय समिति, देवास और राष्ट्रीय कवि समागम समिति के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित 6 सत्रों मे 2 दिवसीय आयोजन हुआ।
उक्त आयोजन मे डॉ भरत शर्मा ने कहा,” किसी भी काव्य की सार्थकता संस्कृति और विभिन्न शैलियों के सांस्कृतिक अंतर को कम करके सभ्यताओं के सेतु बनने से पूर्ण होती हैं। काव्य का सृजन भले ही आत्मनुभूति की अभिव्यक्ति का कारक हो सकता है पर उसका प्रयोजन मानक कल्याण होता हैं। “
श्रेष्ठ काव्य वही है जो धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष और कला के सारे आयाम जब कीर्ति, यश और आनंद का बोध करा दे ।
श्री सज्जन सिंह वर्मा जी ने कहा, ” ऐसा आयोजन और ऐसे कविवर इस मालवा माटी मे ही उपज सकते हैं और हम बड़े गर्व से इस मालव भूमि की रज को मस्तक से लगाते है”
श्री सत्यनारायण जी सत्तन (गुरु) जी ने कहा, ” काव्य का इतिहास भूलकर हम तुकबंदी को काव्य की संज्ञा नहीं दे सकते है । काव्य तो हर अक्षर मे व्याप्त हैं । आपने कहा की उन्हे कवि नहीं माना जा सकता जो मौजूद शासन के चाटुकारिता के काशीदे पढे , कवि का दायित्व है की उन्हे जगाए ।
अंतर्राष्ट्रीय ख्यात कवि श्री रावअजातशत्रु, श्री रंजीत सिंह राणा (राजस्थान), श्री देवकृष्ण व्यास, श्री हरी जोशी जी, श्री नरेंद्र सिंह अकेला, श्री दिनेश दिग्गज, श्री आशीष वैद्य , श्री कुलदीप रंगीला, संगीता नाग, श्री राजेश लोटपोट, श्रीमती कुसुम तिवारी (मुंबई), श्री गोविंद गजब, डॉ मुकुंद सागर समेत 15 राज्यों से 200 से अधिक प्रतिष्ठित और नवोदित कवि एवं कवित्रीयों द्वारा काव्य रचनाओं का वाचन किया गया।
कुणाल जोशी द्वारा हिन्दी मे लेखन कार्य करने और हिन्दी के सम्मान को बनाए रखने की शपथ दिलाई। वरिष्ठ कवि श्री हरी जोशी जी का सम्मान किया गया।
समारोह का संचालन सर्वश्री सत्यनारायण जी सत्तन “गुरु” जी और श्री पंकज जोशी जी द्वारा किया गया ।