मध्यप्रदेश में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह जी जिस प्रकार से सुर्खियों में बने रहने के लिए अनाप-शनाप बोलते रहते हैं
कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी श्री दिग्विजय सिंह जी के पेटर्न को अपना कर कांग्रेस के कुछ नेता अनाप-शनाप बोलते हैं इस बात का एक चलन चला दिया है
सत्ता सुख चले जाने के तुरंत बाद इंदौर के एक नेताजी बहुत दिनों तक सुर्खियों में रहने के लिए अनाप-शनाप बोलते रहे अभी शांत बैठे हैं शायद उन्हें महसूस हो गया है कि 2023 में भी भाजपा की ही सरकार बनेगी इसलिए चूप रहने में ही समझदारी है
इसलिए वे चूप रहकर अपना सम्मान बचाने की राजनीति कर रहे हैं
लेकिन इन दिनों कांग्रेस के पूर्व मंत्री श्री सज्जन सिंह जी वर्मा को सुर्खियों में रहने का जूनून चढ़ गया है वे आए दिन अनाप-शनाप बोलते रहते हैं
अभी यशोधरा राजे सिंधिया जी से मुलाकात के बाद एक विडियो चलाया जिसमें वसुंधरा राजे सिंधिया जी उन्हें भाजपा में आने का बोल रही है ऐसा विडियो चलाकर कांग्रेस पार्टी में अपने आप को वजनदार नेता बताने का ढोल पीटने का काम किया
उस विडियो को लेकर समय बीता ही नहीं और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान को 10 दिनों में पद से हटाने की बात कह डाली , श्री सज्जन सिंह वर्मा को लेकर अब सवाल यह उठता है कि या तो सज्जन सिंह वर्मा ज्योतिष शास्त्र के प्रकांड विद्वान हो गये है जिनको मुख्यमंत्री के रूप में श्री शिवराज सिंह चौहान का केवल 10 दिन का राजयोग है वो स्पष्ट दिखाई दे रहा है या फिर सत्ता सुख चले जाने से सज्जन सिंह वर्मा जैसे नेता पागल हो गए हैं
यदि 10 दिन में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान को मुख्यमंत्री पद से हटाने की आपकी बात ग़लत साबित हुई तो क्या आप 10 वर्षों तक राजनीति से संन्यास ले लेंगे ।
भाजपा संगठन में समय-समय कार्यकर्ताओं को संगठन के दायित्व सौंपे जाते हैं और दायित्वों में बदलाव किए जाते हैं किसी परिवर्तन को लेकर कांग्रेस या अन्य विपक्षी दलों को खुश हो या चुटकी लेने की कोई आवश्यकता नहीं है भाजपा में विश्वास रखते वाले कार्यकर्ताओं को दायित्व मिलता है पद नहीं , दायित्व हमेशा जिम्मेदारी का काम होता है जबकि पद प्रतिष्ठा का विषय बनकर व्यक्ति को विचलित कर देता है
कांग्रेस के पूर्व मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा का आम जनता में एक उच्च स्तरीय राजनेता के रूप में सम्मान और प्रतिष्ठा थी लेकिन जब से अनाप-शनाप बोलने लगे हैं तबसे सज्जन सिंह वर्मा का राजनीतिक स्तर गिरता जा रहा है जो एक दिन श्री सज्जन सिंह वर्मा का राजनीतिक अस्तित्व समाप्त भी कर सकता है