कोरबा l भारत देश आजादी की 75वी वर्षगांठ मना रहा है इसी कड़ी में 11 अगस्त से 17 अगस्त तक आजादी का अमृत महोत्सव की एक कड़ी “घर-घर तिरंगा” अभियान की शुरुआत की गई है जिसमें हर घर तिरंगा फहराने अपील की जा रही है। प्रदेश के मुखिया इस अभियान से जन-जन को जोडने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देशित भी कर चुके हैं। इस अभियान का उद्देश्य है लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना को जागृत करना और तिरंगे के महत्व के विषय में जागरूक करना केंद्र व राज्य सरकार के इस अभियान से पोस्ट ऑफिस एवं महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा झंडे का निर्माण करके बिक्री कर रहे हैं। पोस्ट ऑफिस में पालीस्टर कपड़े से बने झंडे की कीमत 25 रु रखी गई है। पॉलिस्टर कपड़े से बना झंडा मार्केट में दुकानदारों द्वारा 50 से डेढ़ सौ की कीमत में बेचा जा रहा है।
कोरबा जिले में पिछले 6 अगस्त से पोस्ट ऑफिस में झंडे की बिक्री बंद हो गई है, जिसके बाद दुकानदारों ने ग्राहकों की देश भक्ति पूर्ण भावनाओं का फायदा उठाते हुए राष्ट्रीय ध्वज को भी ज्यादा मुनाफा कमाने का माध्यम बना लिया है। ₹25 कीमत के झंडे 50 से 150 रू में बेचे जा रहे हैं वही खादी से बने झंडे 400 से 500 रुपए में बेचे जा रहे हैं और झंडे की कमी के कारण आमजन ज्यादा रेट में झंडे खरीदने को मजबूर है।
सोशल मीडिया के जरिए लोग राजनीतिक दलों पर तंज भी कसने लगे हैं कि राजनीतिक पार्टी के झंडे होते तो हर हाथ में फ्री में पकड़ा दिए जाते राष्ट्रीय झंडा जनप्रतिनिधियों ने भी चेहरे देखकर बांटे हैं वही चुनाव के समय घर-घर दारू और पैसा सहित अन्य सामग्रियां अपने नाम और फोटो छपे थैलों में भरकर बांटने वाले नेता आज झंडा पहुंचाने आम नागरिकों तक नहीं पहुंचा पाए हैं।
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