कोरबा l – देश की सरहद की रखवाली करने में सीमा सुरक्षा बल के जवान अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। कठिन क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों के साथ वे निष्ठा के साथ देशभक्ति का जज्बा दिखाने में लगे हुए हैं। जम्मू के सांबा सेक्टर में वर्ष 2005 को बलिदान हुए बीएसएफ के जवान सोमदत्त शर्मा के परिजनों से मिलकर फोर्स के अधिकारियों ने शहादत का प्रमाण पत्र और तिरंगा झंडा प्रदान किया।
जम्मू कश्मीर, लद्दाख, गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड सहित पूर्वोत्तर के राज्यों से भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है। ऐसे स्थानों पर सेना के जवान बेहद चुनौतीपूर्ण स्थिति में देश के लिए अपनी ड्यूटी करते हैं। अलग-अलग तरह के हालात में वे मोर्चा संभालते हैं कई मौकों पर बनने वाले हालात में वे देश के लिए अपना जीवन न्योछावर कर देते है। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के जवान सोमदत्त शर्मा 22 मई 1995 को सेना में ज्वाइन हुए थे। 18 मार्च 2005 को जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर में उनकी शहादत हो गई। 10 वर्ष तक सेना में सेवा देने वाले शहीद सोमदत्त के परिजनों से स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ से पहले बीएसएफ के डीआईजी देवेंद्र सिंह और जवानों ने शारदा विहार स्थित आवास में भेंट की। यहां पर परिजनों का हाल-चाल जानने के साथ सोमदत्त शर्मा की पत्नी श्रीमती प्रभा शर्मा को शहादत का प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज के साथ उन्हें तिरंगा ध्वज भी भेंट किया।
बीएसएफ के रायपुर स्थित डीआईजी देवेंद्र सिंह ने बताया कि भारत सरकार के निर्देश पर सभी शहीदों के परिजनों से मुलाकात की जा रही है और उनका कुशल क्षेम जाना जा रहा है। इसी के साथ बीते वर्षों में बलिदान हुए शहीदों के परिजनों को इसका प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। इससे परिजनों को सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त होगा।
बीएसएफ के अधिकारी ने आगे कहा कि हाल में ही सभी शहीदों के मामले में बलिदान प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था सरकार की ओर से की गई है। यह अच्छा कदम है। डीआईजी ने सभी जवानों को संदेश दिया कि वे के साथ मातृभूमि की रक्षा करने के साथ सुरक्षित अपने घर लौटे।
अपने एक पुत्र और माता पिता के साथ कोरबा में निवासरत शहीद सोमदत्त की पत्नी प्रभा शर्मा ने बताया कि देश के लिए मर मिटने वाले लोग भाग्यशाली होते हैं। उनके पति ने मातृभूमि की सेवा की और आज बीएसएफ के साथ उन्हें सम्मान मिला है। प्रभा चाहती है कि देश का हर युवा अपने देश के लिए काम आए।
भारतीय सेना के तीनों विंग में रह कर देश की सेवा करने वाले जवानों के मामले में भारत सरकार काफी उदार बनी हुई है। सेवाकाल के साथ-साथ जवानों के शहीद होने पर उनके परिजनों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं। स्वाधीनता पर्व से पहले शहीदों के परिजनों से अधिकारियों का मिलना यह बताता है कि उनके लिए सेना के जवान और उनके परिजन काफी मायने रखते हैं।
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