- भारत और यूएई के 970 स्कूलों से आए 188 मेधावी छात्रों ने प्रतियोगिता में दिखाई अपनी प्रतिभा
- तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान छात्रों को मिला मास्टरक्लास, व्यावहारिक प्रशिक्षण और उद्योग विशेषज्ञों के साथ संवाद का अवसर
- शीर्ष प्रदर्शन करने वाले छात्रों को टोयोटा की कार्यप्रणाली, प्रसिद्ध \’टोयोटा टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट\’ और \’गुरुकुल\’ को करीब से जानने का मिलेगा मौका
बेंगलुरु: टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने 17 से 19 दिसंबर 2025 तक कर्नाटक के बिदादी स्थित अपने संयंत्र (प्लांट) में \’नेशनल ऑटोमोबाइल ओलंपियाड\’ (एनएओ) के सफल आयोजन की घोषणा की। \’स्किल इंडिया\’ मिशन के अनुरूप, यह पहल ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी) और टोयोटा टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का एक संयुक्त प्रयास है। इस कार्यक्रम में कक्षा 6 से 12 तक के उन 188 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया, जिन्हें भारत और यूएई के 970 स्कूलों के 1,36,000 से अधिक प्रतिभागियों में से कड़ी चयन प्रक्रिया के बाद चुना गया था।
एनएओ 2025 स्कूली छात्रों के लिए विश्व की सबसे बड़ी ऑटोमोटिव कौशल विकास पहलों में से एक है। इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री विंकेश गुलाटी (चेयरपर्सन, एएसडीसी) और डॉ. बिश्वजीत साहा (निदेशक, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड – सीबीएसई) ने किया। इस मंच ने छात्रों के लिए ऑटोमोटिव जगत की बारीकियों को समझने और सीखने का एक नया मार्ग प्रशस्त किया है।
इस आयोजन के दौरान आयोजित मास्टरक्लास और दो चरणों वाली प्रतियोगिताओं में रोबोटिक्स, वेल्डिंग सटीकता, तकनीकी समस्या निवारण और भविष्य के परिवहन जैसे विषयों पर छात्रों के कौशल का परीक्षण किया गया। साथ ही, उद्योग के अनुभवी विशेषज्ञों ने छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया।
तीन दिनों तक चले इस ज्ञानवर्धक कार्यक्रम का समापन एक भव्य पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ। इस दौरान विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नन्हे चैंपियंस की उपलब्धियों का जश्न मनाया गया और उन्हें सम्मानित किया गया।
ओलंपियाड के शीर्ष विजेता:
- कक्षा 6 से 8 (वर्ग): भोपाल (मध्य प्रदेश) के \’द ओरिएंटल स्कूल\’ के अबीर वर्मा ने प्रथम स्थान प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। गाजियाबाद के \’एमिटी इंटरनेशनल स्कूल\’ के आराध्य प्रधान दूसरे स्थान पर रहे, जबकि इंदौर के \’न्यू दिगंबर पब्लिक स्कूल\’ के दक्ष कुमावत ने तीसरा स्थान हासिल किया।
- कक्षा 9 से 10 (वर्ग): महाराष्ट्र के \’विजडम वर्ल्ड स्कूल\’ के अंचित सहाय ने शीर्ष पायदान पर रहकर परचम लहराया। चेन्नई के \’श्री चैतन्य स्कूल\’ के अर्जुन अन्नामलाई ने दूसरा और जयपुर (राजस्थान) के \’कैम्ब्रिज कोर्ट वर्ल्ड स्कूल\’ के महत्व जैन ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
- कक्षा 11 से 12 (वर्ग): चेन्नई पब्लिक स्कूल के निशांत सुधाकर ने प्रथम स्थान हासिल कर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की। दुबई के \’अवर ओन हाई स्कूल\’ के विधान हरपलानी दूसरे स्थान पर रहे और टोयोटा टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के पुनीत कुमार ने तीसरा स्थान प्राप्त कर संस्थान का गौरव बढ़ाया।
इस आयोजन के दौरान 188 चयनित छात्रों के साथ आए लगभग 150 अभिभावकों और शिक्षकों को भी टोयोटा की विश्वस्तरीय कार्यप्रणाली का अनुभव करने का अवसर मिला। उन्होंने अत्याधुनिक प्लांट और प्रसिद्ध टोयोटा टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट सेंटर का भ्रमण किया, उद्योग जगत के विशेषज्ञों से संवाद किया और टेस्ट ट्रैक पर टोयोटा वाहनों के परिचालन का आनंद लिया।
ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल के चेयरपर्सन श्री विंकेश गुलाटी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “नेशनल ऑटोमोबाइल ओलंपियाड युवाओं की प्रतिभा को निखारने और \’जेन-जी\’ को ऑटोमोबाइल क्षेत्र में एक सार्थक भविष्य तलाशने के लिए प्रेरित करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हम युवा प्रतिभागियों को एक वैश्विक मंच और सीखने का इतना गहन अनुभव प्रदान करने के लिए टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के हृदय से आभारी हैं। यह सहयोग भारत के ऑटोमोटिव वर्कफोर्स की नींव को सशक्त बनाता है। इन छात्रों में दिखा उत्साह, जिज्ञासा और असाधारण हुनर वाकई प्रेरणादायक है।”
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट (फाइनेंस एवं एडमिनिस्ट्रेशन), श्री जी. शंकर ने इस पहल के दूरगामी प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हम भारत में ऑटोमोटिव क्षेत्र की अगली पीढ़ी की प्रतिभाओं को प्रेरित करने और उन्हें तराशने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। \’नेशनल ऑटोमोबाइल ओलंपियाड 2025\’ एक ऐसा मंच है जो देश के सबसे मेधावी युवाओं के मन में ऑटोमोटिव एक्सीलेंस, नवाचार और भविष्य की मोबिलिटी को नई दिशा देने का जुनून पैदा करता है। इस पहल के माध्यम से हमारा उद्देश्य छात्रों को न केवल सैद्धांतिक समझ प्रदान करना है, बल्कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर का व्यावहारिक अनुभव देना भी है। इसके साथ ही, हम भारत सरकार के \’स्किल इंडिया\’ मिशन को सफल बनाने में अपना सक्रिय योगदान दे रहे हैं।\”
\”भारत को आगे बढ़ाएं और भारत के साथ बढ़ें\” के विजन और \”सभी के लिए खुशियां पैदा करना\” के मिशन से प्रेरित होकर, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर वर्ष 1999 में अपने परिचालन की शुरुआत से ही कौशल विकास और सामुदायिक मूल्यों के सृजन के प्रति समर्पित रहा है। इस ओलंपियाड में जानकारी साझा करने और \’लर्निंग-बाय-डूइंग\’ (करके सीखना) का एक अभिनव प्रारूप अपनाया गया। छात्रों को हाइब्रिड टेक्नोलॉजी, डेटा साइंस और ऑगमेंटेड रियलिटी जैसी आधुनिक तकनीकों से रूबरू कराया गया, ताकि वे भविष्य की चुनौतियों और कॅरियर के लिए पूरी तरह तैयार हो सकें।
\’टोयोटा इंडिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस\’ के तहत, कंपनी ने मानव संसाधन विकास के लिए एक त्रि-स्तरीय एकीकृत ढांचा तैयार किया है। प्राथमिक स्तर पर स्कूली छात्रों में अनुशासन, जिम्मेदारी और एक आदर्श नागरिक के गुण विकसित करने के लिए मूल्य-आधारित शिक्षा दी जाती है। इसके बाद, सुप्रसिद्ध टोयोटा टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट मॉडल के माध्यम से विश्व स्तरीय टेक्नीशियन तैयार किए जाते हैं। यहाँ क्लासरूम की पढ़ाई और गहन व्यावहारिक प्रशिक्षण का अद्भुत संगम होता है। इस ढांचे का समापन विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग के माध्यम से होता है, जहाँ भविष्य के लीडर्स और \’ऑटो-आईटी\’ इंजीनियर तैयार किए जाते हैं, जो उद्योग की निरंतर बदलती जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हों।
