निप्र, जावरा मध्यप्रदेश के रतलाम जिलें कि पिपलौदा तहसील क्षेत्र कि सुखेड़ा पंचायत में सफ़ाई ओर अन्य पंचायत संबंधी विकास कार्यों में अनियमितता को लेकर रतलाम ज़िला पंचायत में सुखेड़ा पंचायत पंचों द्वारा लिखित शिकायत करने का मामला सामने आया है, पंचायत पंच घनश्याम बैरागी ने बताया कि पंचायत में निर्माण कार्यों में अनियमितता वहीं पंचायत में चारों ओर सफ़ाई कही दिखाई देती चारों ओर कचरा है,नवीन दुकान निर्माण पर पंच बैरागी ने कहा कि पूर्व सरपंच के कार्यकाल के समय दुकान थीं उसके बाद नए सरपंच के कार्यकाल में भी दुकान बनीं और भी नई दुकान निर्माण की जा रहीं हैं जो कि शासन के पेसो का दुरुपयोग है, मामले में पिपलौदा जनपद सदस्य प्रतिनिधि प्रकाश चंद्र राठी द्वारा सफ़ाई व्यवस्था पर पंचायत में सफ़ाई अभियान चलाने कि बात कहीं गईं राठी ने कहा कि वे चाहते हैं कि पंचायत में स्वच्छता हो सुखेड़ा पंचायत जावरा विधानसभा की सबसे बड़ी पंचायत है पंचायत में सचिव भी अतिरिक्त पंचायतों के प्रभार लिए हैं ऐसे में कुछ कहने पर सुनवाई नहीं होती । वहीं पेयजल के लिए जल जीवन मिशन में टंकी का निर्माण हुआ वो भी लीकेज है टंकी से पानी कि बूंद टपक रही हैं ठेकेदार को कहा तो बताया कि ठीक कर देंगे,अब तक पेयजल की लाइन तक ठीक से नहीं जोड़ी गई। पंचायत सरपंच महावीर मेहता ने कहा कि अनियमितता किसी कार्य में नहीं की गई है एस्टीमेट के आधार पर ही कार्य किया गया हैं गांव कि स्थिति नगर परिषद् जैसी है लेकिन बजट ग्राम पंचायत कि तरह आता हैं उसी में कार्य करना पड़ता हैं। कचरा अपशिष्ट के लिए हम जल्द वाहन खरीदने वाले हैं नदी क्षेत्र में कचरा न फैले इस लिए वहां जाली लगाई गई हैं ,जनपद सदस्य प्रतिनिधि द्वारा सफ़ाई अभियान चलाए जाने कि बात पर सरपंच ने कहा कि हम पूरा सहयोग करेंगे पूरी गांव की जनता सहयोग करेंगी ऐसे कार्य में जनता को भी जागरूक होकर साथ रहना चाहिए बस स्टैंड कि दुकान संचालन के लिए हमने जनपद में लेटर दे दिया है जल्द दुकानों की नीलामी होगी। वहीं पीएचई विभाग से रमेश चंद्र राठौर ने कहा कि सीमेंट की टंकी हैं थोड़ा बहोत पानी तो टपकेगा ही बारिश कम होने के कारण हम टंकी में पानी नहीं भर पाए थे, वहीं पाइप लाइन कनेक्शन भी पूर्ण नहीं हुए थे अभी दो वर्ष से टंकी खाली थीं अब पानी भरा है तो पानी टपक रहा हैं कुछ दिनों में पानी टपकना बंद हो जाएगा वहीं जल्द जल प्रदाय सप्लाई शुरू कर देंगे जिससे कम से कम एक हज़ार से अधिक घरों जल आपूर्ति का लाभ होगा।
