निप्र, जावरा मध्यप्रदेश सरकार में खनन माफियाओं को रतलाम जिले में 8 लेन के नाम पर जो संरक्षण प्राप्त हुआ है उससे गड्ढे करो खनिज बेचों सक्रियता तले खनिज अधिकारी के संरक्षण में अच्छा खासा प्रयास सिद्ध हुआ अवैध खनन के मामले में रतलाम ज़िले के जावरा नगर पालिका टेंचिग ग्राउंड हो या निजी भूमि मालिक मनीषा सिंह राठौर भूस्वामी जिन्हें पता ही न चला ओर खनन हो गया, ज़िले में अवैध खनन दासता सादाखेड़ी ओर निमन ओर लुहारी क्षेत्र के मगरों ओर पत्थर वाली भूमि से बया होती हैं जहा समतल जगह गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं, नक्शा त्रुटि कर खनन के प्रशासनिक अधिकारी के सहयोग से अवैध खनन नियमों को ताक पर रख करवाना ये साबित करता है कि विभाग अपने बल पर कुछ भी करेगा रोक सको तो रोक लो मामला सादाखेड़ी पंचायत क्षेत्र के सर्वे क्रमांक 7 जिस पर नक्शा त्रुटि बता सर्वे क्रमांक 175 के नक्शे पर उत्खनन करवा दिया गया, साथ ही देखते ही देखते आस पास की शासकीय भूमियों में भी सक्रिय खनन माफियाओं ने बिना रॉयल्टी दिए अवैध खनन कर दिया जिसकी जानकारी नगर पालिका परिषद को भी न हुई , परिषद के कचरा अपशिष्ट का क्षेत्र भी खनन माफियाओं कि चपेट में आ गया, तत्कालीन क्रेशर मशीन संचालक धीरज सिंह डोडिया के नाम पर नगर पालिका द्वारा अवैध खनन करने का आरोप लगाया गया, जिसकी जानकारी मीडिया द्वारा धीरज सिंह डोडिया ली गई तो धीरज सिंह ने जबाव देने से मना कर दिया, नगर पालिका अधिकारियों द्वारा खनिज विभाग को भी जानकारी भेजी गई लेकिन कार्यवाही ठंडे बसते में डाल दी गई। एक ओर मामला लुहारी पंचायत क्षेत्र में सामने आया है जहां मनीषा सिंह राठौर कि भूमि जी. आर .इंफ्रा द्वारा खोद दी गई ओर समतल जमी तालाब में तब्दील कर दी गई । क्या प्रशासन की बड़ी लापरवाहियों पर शासन खनन माफियाओं ओर उन्हें सहयोग करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगा।
