“एनेस्थीसिया है सुरक्षित – जानिए सही जानकारी” विषय पर विशेषज्ञों ने साझा किए महत्वपूर्ण तथ्य
इंदौर, 15 अक्टूबर 2025: विश्व एनेस्थीसिया दिवस (World Anaesthesia Day), जो हर वर्ष 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, के अवसर पर इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स इंदौर चैप्टर द्वारा आज इंदौर में एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आमजन में एनेस्थीसिया (बेहोशी की प्रक्रिया) को लेकर फैली गलत धारणाओं को दूर करना और लोगों को इसके आधुनिक व सुरक्षित स्वरूप से अवगत कराना था।
इस अवसर पर शहर के वरिष्ठ एनेस्थीसिया विशेषज्ञों ने “एनेस्थीसिया अवेयरनेस विषय पर विस्तृत चर्चा की और बताया कि अब एनेस्थीसिया पहले की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित, विश्वसनीय और वैज्ञानिक हो गया है। आधुनिक मॉनिटरिंग सिस्टम और तकनीक ने सर्जरी को मरीजों के लिए अधिक आरामदायक बना दिया है।
इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स इंदौर चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. प्रकाश दूधिया ने कहा, “एनेस्थीसिया किसी भी सर्जरी का अदृश्य लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है। आज तकनीकी प्रगति के कारण मरीजों को बिना दर्द और डर के उपचार देना संभव है। परंतु समाज में अभी भी कई मिथक हैं जिन्हें सही जानकारी और संवाद से ही दूर किया जा सकता है।”
वरिष्ठ एनेस्थेटिस्ट डॉ. राजेन्द्र चौहान ने बताया कि आम जनता में स्पाइनल एनेस्थीसिया को लेकर कई गलतफहमियाँ प्रचलित हैं। “यह धारणा गलत है कि स्पाइनल एनेस्थीसिया से जीवनभर पीठ दर्द रहता है। अब अत्याधुनिक नीडल्स और सटीक तकनीक के कारण यह प्रक्रिया बेहद सुरक्षित है।”
डॉ. मीनू चड्ढा ने बताया कि आज एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की भूमिका केवल ऑपरेशन थिएटर तक सीमित नहीं है। “हम ICU प्रबंधन, क्रॉनिक पेन कंट्रोल (विशेषकर कैंसर मरीजों के दर्द प्रबंधन), और पेरिऑपरेटिव केयर में भी अहम भूमिका निभाते हैं। मरीजों के सम्पूर्ण स्वास्थ्य की जिम्मेदारी में एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की भूमिका लगातार विस्तृत हो रही है।”
डॉ. सुबोध चतुर्वेदी ने आईएसए इंदौर चैप्टर की सामाजिक गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्था न केवल चिकित्सा सेवा बल्कि समाजसेवा में भी सक्रिय है। इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स इंदौर चैप्टर ने इंदौर पुलिस, डायल 100 टीम और एमराल्ड स्कूल जैसे संस्थानों को सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) प्रशिक्षण प्रदान किया है, ताकि आमजन आपात स्थिति में जीवन रक्षक उपाय सीख सकें।”
डॉ. विकास गुप्ता ने कहा कि आईएसए इंदौर का उद्देश्य नागरिकों में सही समझ विकसित करना है। उन्होंने तीन प्रमुख बिंदु साझा किए:
एनेस्थीसिया पूरी तरह सुरक्षित है और हर मरीज की स्थिति के अनुसार तय किया जाता है।
सर्जरी से पहले मरीज को अपनी मेडिकल हिस्ट्री और एलर्जी की जानकारी एनेस्थेटिस्ट को अवश्य देनी चाहिए।
खुला संवाद और जागरूकता ही सुरक्षित सर्जरी की कुंजी है।
कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने एनेस्थीसिया के तीन प्रमुख प्रकार — जनरल, रीजनल और लोकल एनेस्थीसिया — के बारे में भी बताया और उनके उपयोग, लाभ तथा सुरक्षा उपायों पर प्रकाश डाला।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में I आईएसए इंदौर चैप्टर ने “सेफ स्लीप, सेफ सर्जरी” नामक जन-जागरूकता अभियान की घोषणा की। इसके तहत आने वाले महीनों में इंदौर और आसपास के शहरों में फ्री काउंसलिंग सेशन्स, स्कूल–कॉलेज अवेयरनेस प्रोग्राम्स और सोशल मीडिया कैंपेन आयोजित किए जाएंगे ताकि आम जनता एनेस्थीसिया को लेकर अधिक जागरूक हो सके।
कार्यक्रम के समापन पर आईएसए इंदौर के सचिव डॉ. फ़िरोज़ शाह ने सभी उपस्थित विशेषज्ञों, अतिथियों और मीडिया प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया और इस अभियान को समाजहित में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
