आज विश्व भर में मानवाधिकार दिवस (World Human Rights Day 2021) मनाया जा रहा है. 10 दिसंबर, 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व मानवाधिकार घोषणा पत्र जारी कर प्रथम बार मानवों के अधिकार के बारे में बात रखी थी. वर्ष 1950 में संयुक्त राष्ट्र ने हर वर्ष 10 दिसंबर को ‘विश्व मानवाधिकार दिवस’ मनाना तय किया.क्या है ‘मानव अधिकार’किसी भी इंसान की जिंदगी, आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकार है मानवाधिकार (World Human Rights Day 2021) है. भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है, बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा देती है. भारत में 28 सितंबर 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में आया. 12 अक्टूबर, 1993 में सरकार ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन किया.
World Human Rights Day २०२१ पर राजनेताओं और दिग्गज नामी हस्तियों ने अपने विचार साँझा किये सोशल मीडिया प्लेटफार्म कू पर
स्वाति सिंह, कहती है –
एकता,सामाजिक-आर्थिक नवीनीकरण और राष्ट्रनिर्माण!!!
प्रत्येक व्यक्ति को जाति,धर्म,लिंग,भाषा,राष्ट्रीयता,नस्ल या किसी अन्य आधार पर भेदभाव किए बिना समानता के साथ जीवन जीने का अधिकार है और #BJP सदैव ही इन अधिकारों के पक्षधर रही है।
विश्व मानवाधिकार दिवस की शुभकामनाएं
हुमानृह्त्तस्र्दय
Koo Appएकता,सामाजिक-आर्थिक नवीनीकरण और राष्ट्रनिर्माण!!! प्रत्येक व्यक्ति को जाति,धर्म,लिंग,भाषा,राष्ट्रीयता,नस्ल या किसी अन्य आधार पर भेदभाव किए बिना समानता के साथ जीवन जीने का अधिकार है और #BJP सदैव ही इन अधिकारों के पक्षधर रही है। विश्व मानवाधिकार दिवस की शुभकामनाएं #humanrightsday View attached media content – Swati Singh (@bjpswatisingh) 10 Dec 2021
शिवराज सिंह चौहान लिखते है
हम सब संकल्प लें कि मानव अधिकार के हितों की रक्षा में सहयोग कर राष्ट्र एवं समाज के नवनिर्माण में भागीदार बनेंगे। #HumanRightsDay पर शुभकामनाएं!Koo Appहम सब संकल्प लें कि मानव अधिकार के हितों की रक्षा में सहयोग कर राष्ट्र एवं समाज के नवनिर्माण में भागीदार बनेंगे। #HumanRightsDay पर शुभकामनाएं! View attached media content – Shivraj Singh Chouhan (@chouhanshivraj) 10 Dec 2021
भारत में काम करने की है आवश्यकता भारत में मानवाधिकारों (World Human Rights Day 2021) की बात की जाए तो यह साफ है कि आज भी कई सारे लोगों को मानवाधिकार के बारे में जानकारी ही नहीं है, जबकि वे उनके खुद के अधिकार हैं. पिछड़े हुए राज्यों एवं गांवों में जहां साक्षरता का स्तर थोड़ा कम है, वहां मानवाधिकारों का हनन होना आम बात है. ऐसे इलाकों में जिन लोगों के पास ताकत है, वे इनका पालन नहीं करते और सामान्य लोगों पर दबाव बनाते हैं. शहरों में जिन लोगों को मानवाधिकारों की जानकारी तो है लेकिन वे इनसे गलत फायदा भी उठा लेते हैं.जानें अपने अधिकारसब लोग गरिमा और अधिकार (World Human Rights Day 2021) के मामले में स्वतंत्र और बराबर हैं यानि सभी मनुष्यों को गौरव और अधिकारों के मामले में जन्मजात स्वतंत्रता और समानता प्राप्त है. उन्हें बुद्धि और अंतरात्मा की देन प्राप्त है और परस्पर उन्हें भाईचारे के भाव से बर्ताव करना चाहिए. प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के सभी प्रकार के अधिकार और स्वतंत्रता दी गई है.नस्ल, रंग, लिंग, भाषा, धर्म, राजनीतिक या अन्य विचार, राष्ट्रीयता या समाजिक उत्पत्ति, संपत्ति, जन्म आदि जैसी बातों पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता. चाहे कोई देश या प्रदेश स्वतंत्र हो, संरक्षित हो, या स्वशासन रहित हो, या परिमित प्रभुसत्ता वाला हो, उस देश या प्रदेश की राजनैतिक क्षेत्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्थिति (World Human Rights Day 2021) के आधार पर वहां के निवासियों के प्रति कोई फर्क नहीं रखा जाएगा.