
*प्रवर्तक श्री जिनेन्द्रमुनिजी सहित मुनिमण्डल का मंगल प्रदार्पण*
व्होरा परिवार ने मुमुक्षु अदिति बहन का आज्ञा-पत्र सौंपा – 5 जून को बदनावर में होगी दीक्षा
थांदला से विवेक व्यास माधव एक्सप्रेस
थांदला। संयम तप महोत्सव में अणु बगिया के शिखर पुरूष धर्मदास गण के नायक आगम विशारद बुद्धपुत्र प्रर्वतक पूज्य गुरुदेव श्री जिनेंद्रमुनिजी म. सा. आदि ठाणा – 3 का सुजापुरा कि ओर से व अणुवत्स पूज्य श्री संयतमुनिजी म. सा. आदि ठाणा – 8 का पेटलावद बावड़ी फारेस्ट पंचायत कि ओर से थांदला में मंगल पदार्पण हुआ। थांदला विराजित संत एवं सती मण्डल सहित सैकड़ो गुरु भक्तों का हुजूम गुरुदेव की भव्य अगवानी के लिए उत्तरी छोर पहुँचा। उत्साह उल्लास व उमंग के साथ सैकड़ो गुरु भक्तों ने “देखो रे देखो कौन पधारे – भक्तों के भगवान पधारे ” एक बार जोर से – जय गुरु उमेश, संयम इनका सख्त है – तभी तो लाखों भक्त है जैसे गगनभेदी नारों से पुरा वातावरण गुंजायमान कर दिया। जैन जेनेत्तर सभी जिन शासन की महिमा व भरी गर्मी में गुरुदेव का नँगें पैर ईर्या समिति का पालन करते चलना उनके उत्कृष्ट क्रिया में उन्हें वंदन करते देखा गया। पूज्य गुरुभगवंतों ने पौषध भवन पर महा प्रवेश करते ही सदन धर्मसभा के रूप में परिवर्तित हो गया।
अक्षय तृतीया आदिनाथ भगवान के तप से जुड़ा प्रसंग – प्रवर्तकश्रीजी
जैन धर्म में तीर्थंकर का धर्म ही आगम है। यह आगमवाणी भव्य जीवों को भव से तार देती है। तीर्थंकरों का चारित्र सुनने से कर्मों की कोड़ खप जाती है व विशिष्ट पुण्य का अर्जन होता है। पूज्य श्री ने कहा सामान्य पुरूष से विशिष्ट पुरूष बनने की कथा ही तीर्थंकर चारित्र से ग्रहण करने जैसी है। आपश्री ने भगवान आदिनाथ के समकित प्राप्ति के प्रथम धन्य सार्थवाह भव से लेकर उनके दूसरे युगलिक, तीसरें प्रथम देवलोक व चौथें भव में महाबल राजा के भव का चारित्र सुनाया। इस अवसर पर पूज्य श्री गिरीशमुनिजी ने कहा कि अक्षय तृतीया पर 300 से ज्यादा तपस्वी अपनी वार्षिक तप की आलोचना शुद्धि करंगें ही लेकिन इससे अधिक महत्वपूर्ण दो दीक्षा के प्रसंग उपस्थित हो रहे है। ऐसे में सुनने में आया कि इस भीषण गर्मी में उष्ण परीषह सहन करते हुए संत-सतियों ने दिन में भी थांदला कि ओर विहार किया यह सब संयम के महत्व को प्रदर्शित करता है। उपस्थित परिषद भी संयम के महत्व को समझे इस हेतु आपने नागदा के गौरव जाट का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जेनेत्तर भी धर्म को समझकर उससे प्रेरणा ले कर अपने जीवन का उत्कर्ष कर सकता है फिर आज तो इस सभा में नव्या बहन, आदिती बहन व ललित भैया बैठे ही है जो संयम पर चलने को तैयार है इसमें हम सब भी अनुमोदना से अपने भाव भी बनाने का प्रयास करें। महासती वृन्द ने गुरुदेव के मंगल पदार्पण पर मंगल स्तवन गाया।
बदनावर व्होरा परिवार ने सौंपा आज्ञापत्र
धर्म सभा में रतलाम, खवासा, बामनिया, पेटलावद, झाबुआ, मेघनगर, रम्भापुर, कल्याणपुरा व बदनावर की गौरवशाली उपस्थिति में मुमुक्षु अदिति बहन व्होरा की दीक्षा की पारिवारिक आज्ञा का पत्र उनके माता-पिता शीतल सुशील व्होरा सहित परिजनों ने गुरुदेव को सौंपतें हुए उनकी दीक्षा तिथि घोषित करने का निवेदन किया। गुरुदेव के परिवार की भावना अनुरूप द्रव्य-क्षेत्र-काल-भाव के समस्त आगर रखते हुए आगामी ज्येष्ठ सुदी दशमी (5 जून 2025, गुरूवार) को वर्धमान पुर बदनावर में दीक्षा की तिथि घोषित करते ही सदन दीक्षार्थी के जयकारों से भर गया। आप शासन प्रभाविका पूज्या महासती श्री संयमप्रभाजी म.सा. का सुशीष्यत्व ग्रहण करेंगी।
मुमुक्षु अदिति बहन का गुरुभगवंतों से निवेदन
गुरुभक्ति से ओतप्रोत संयम स्तवन पंक्ति के साथ अदिति बहन ने गुरुभगवंतों के प्रति आभार मानते हुए कहा कि आज का दिन उनके लिए अविस्मरणीय दिन है आज से वे अपने मोक्ष लक्ष्य की तरफ प्रवेश कर रही है। अदिति बहन ने कहा कि सच में त्याग तो मेरे परिवार का है जो मेरे
भौतिक साधनों के तुच्छ त्याग के आगे उन्होंनें अपने मोह पर विजय प्राप्त कर मुझे आध्यात्मिक मार्ग पर जाने की आज्ञा प्रदान की है। गुरुभगवंतों के साथ उनका यह उपकार मुझे सदा याद रहेगा। आदिति बहन ने सभी गुरुभगवंतों व सदन से उनकी दीक्षा में आकर मंगल आशीर्वाद प्रदान करने की विनन्ति की। अदिति बहन का परिचय उनकी सांसारिक भाभी नीलू बहन व्होरा ने दिया तो आज्ञापत्र का वाचन अनिल व्होरा ने किया। परिवार की बहन बेटियों ने स्तवन के माध्यम से भावाभिव्यक्ति की। धर्मदास गण परिषद व थांदला श्रीसंघ अध्यक्ष भरत भंसाली ने सकल गण परिषद कि ओर से व्होरा परिवार का अनुमोदन करते हुए अदिति बहन की संयम यात्रा की अग्रिम शुभकामनाएं प्रेषित की। वही संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मुमुक्षु अदिति बहन सहित व्होरा परिवार का शाल माला से बहुमान किया। संचालन संघ सचिव प्रदीप गादिया ने किया।
थांदला में संत-सतियों का लगा ठाठ
जानकारी देते हुए संघ प्रवक्ता पवन नाहर ने बताया कि पूज्य गुरुदेव जिनेंद्रमुनिजी म.सा. सहित संत सती मण्डल के थांदला पधार जाने से थांदला में संत-सतियों का ठाठ लग गया है। यहाँ प्रवर्तक श्री के साथ अणुवत्स पूज्य श्री संयतमुनिजी, तत्वज्ञ पूज्य श्री धर्मेन्द्रमुनिजी आदि ठाणा – 18 पौषध भवन पर विराजित है वही सौम्यमूर्ति पूज्या श्री मधुबालाजी म.सा., पूज्या श्री धैर्यप्रभाजी म.सा., पूज्या श्री पुण्यशीलाजी म.सा. आदि ठाणा – 22 दौलत भवन स्थानक पर व शासन प्रभाविका पूज्या श्री संयमप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा -9 त्यागी भवन पर सुख साता पूर्वक विराजित है।
गुरुभगवंतों के आने से बदल गया माहौल
ललित जैन नवयुवक मंडल अध्यक्ष रवि लोढ़ा, सचिव संदीप शाहजी, प्रवक्ता समकित तलेरा, महिला मंडल अध्यक्ष पुष्पा घोड़ावत, कोषाध्यक्ष सुनीता पीचा ने बताया कि अक्षय तृतीया संयम तप महोत्सव में गुरुदेव के आगमन के साथ ही थांदला में धर्ममय माहौल हो गया है। चारों तरफ नवकार महामंत्र के जाप, चौवीसी, धर्म सभा के साथ अन्य धार्मिक आयोजन हो रहे है वही अणु पब्लिक स्कूल पर अक्षय तृतीया की तैयारियां भी जोरो पर चल रही है। आज के आयोजन में प्रातः नवकारसी का लाभ संस्कार पब्लिक स्कूल पर श्रीमती सम्पतबाई कांतिलाल जी पीचा परिवार थांदला द्वारा लिया गया वही व्होरा परिवार व शाहजी परिवार ने धर्म प्रभावना का लाभ लिया। इस अवसर पर अनेक श्रावक श्राविकाओं ने तपस्या के प्रत्याख्यान ग्रहण किये जिनमें वीर माता आशुका लोढ़ा के वर्षितप में 4 उपवास प्रमुख रहे।