
मध्यप्रदेश सरकार का बड़ा फैसला,मंत्रिमंडल बैठक में घोषणा
नवसंवत्सर से बदलेगा मंदिर का ध्वज, शुरू होगा नया अध्याय
उज्जैन-विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर पर अब ब्रह्मध्वज नाम से नया ध्वज लहराता दिखाई देगा। केसरिया ध्वज के बीच में सूर्य की आकृति होगी। मध्यप्रदेश सरकार ने यह बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया
महाकाल मंदिर के शिखर पर वैसे तो हर साल नया ध्वज चढ़ाया जाता है लेकिन इस बार नया परिवर्तन यह किया गया है कि ध्वज ही नया होगा। ध्वज के मध्य में सूर्य देव की आकृति होगी। खास बात ये कि मध्यप्रदेश में उज्जैन सहित सभी जिलों और स्थानों में जहां भी विक्रमोत्सव के आयोजन होंगे वहां यह ध्वज फहराया जाएगा।
मध्यप्रदेश सरकार कई दिनों से इस मिशन में लगी थी। विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक और मुख्यमंत्री के सलाहकार श्रीराम तिवारी ने इस पर शोध कराया और नए ध्वज की आकृति निर्धारित की गई। आज सुबह हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया, जिसे स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री के सलाहकार श्रीराम तिवारी ने निर्णय की पुष्टि की है।
इसलिए उठाया ये कदम…
सृष्टिकर्ता महाकाल की प्रेरणा से ब्रह्मदेव ने सृष्टि का निर्माण किया। प्रवर्तित सृष्टियाबद के आरम्भ से ही कोटि सूर्य को महिमा प्रदान की गई है। यह ब्रह्मध्वज वर्षों पूर्व परंपरा से महाकालेश्वर मंदिर के शिखर पर समय समय पर स्थापित हो रहा है