निप्र जावरा मध्यप्रदेश के रतलाम जिले की पिपलोदा जनपद पंचायत की पंचायतों की तस्वीरे देख स्वच्छता के नाम पर जनप्रतिनिधियों के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी ,गन्दगी इतनी की पंचायते कचरे के ढ़ेर पर नजर आती है पर जिम्मदारों से जवाब मांगने पर एक ही जवाब आता है कि मध्यप्रदेश शासन के पास पंचायत की स्वच्छता के लिए पैसे नही है
,और नही पंचायत के पास कोई फंड तो फिर स्वच्छता मिशन किस पथ पर चल रहा है इसकी सूद कौन लेगा ,जनपद पंचायत के मामटखेड़ा में स्कूल के सामने नाले का पानी और कचरे का ढेर एवं तालाब की गंदगी से लेकर सड़कों की गदगी पंचायत में स्वच्छता की पोल खोलते नजर आती है ,पंचायत में स्वच्छता की शिकायत सिर्फ शिकायत तक ही सीमित रहती है,जनपद सीईओ अल्फ़िया खान द्वारा पंचायत में स्वच्छता की शिकायत पर पंचायत सचिव को सफाई के लिए निर्देश तो दिए गए लेकिन कोई वैकल्पिक उपाय नही सुझाया गया जिसका खामियाजा आज ग्रामवासियों को भुगतान पड़ रहा है ,प्रदेश शासन के आदेश पर स्वच्छता के नाम पखवाड़े आयोजित कर फ़ोटो सेसन करना सिर्फ सोशल साइट तक ही सीमित रह गया है जमीनी स्वच्छता की दिखावट मामटखेड़ा जैसी पंचायत को देखकर सच्चाई में बदल जाएगी। वर्तमान में डेंगू मलेरिये के प्रकोप होने पर भी पंचायत कोई सुध नही ले पा रही है वही जनप्रतिनिधि की दौड़ केंद्र और राज्य में मंत्री बनने के लिए आगे है लैकिन कोई गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए आगे नही आते है।