यादव समाज करेगा मंदिर का शुद्धिकरण
इंदौर, 13 जनवरी । होलकर कालीन जिस प्राचीन गोपाल मंदिर को स्मार्ट सिटी कंपनी ने करोड़ों रुपये खर्च कर संवारा, उस आस्था के केंद्र को रविवार को एक परिवार ने मांगलिक अनुमति के नाम पर मैरिज गार्डन के रूप में तब्दील कर नियमों का उल्लंघन किया। सोमवार को संभागायुक्त दीपक सिंह ने मामले को संज्ञान में लेते हुए गोपाल मंदिर के प्रबंधक केएल कौशल की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं। वहीं डिप्टी कलेक्टर विनोद राठौर को भी प्रभारी पद से हटा दिया गया है। मामले में यादव समाज ने भी नाराजगी जताते हुए मंदिर के शुद्धिकरण की बात कही है।
दरअसल, शङर के राजवाड़ा स्थित शहर के प्राचीन गोपाल मंदिर में रविवार को एक परिवार ने भव्य शादी समारोह आयोजित किया था। धार्मिक आस्था के प्रमुख केंद्र को महज एक लाख रुपये में किराए पर देकर शादी का आयोजन कराया गया। इस आयोजन में फूलों से विशाल डेकोरेशन किया गया, गलियारों में सोफे और कुर्सियां लगाई गईं और गर्भगृह के सामने हवन कुंड बनाकर फेरे संपन्न कराए गए। चौंकाने वाली बात यह रही कि भोजन की तैयारी मंदिर परिसर में ही हुई, फूड स्टॉल्स और टेंट लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया। इससे यातायात भी प्रभावित हुआ।
आस्था के साथ खिलवाड़ करते हुए वहां न सिर्फ शादी हुई, बल्कि मेहमानों का शाही भोज भी आयोजित किया गया। प्रशासन के धर्मस्व विभाग के अफसरों ने नियमों को ताक में रखकर इस आयोजन की अनुमति दी। इस दौरान मंदिर परिसर में गंदगी फैलने का वीडियो भी सामने आया है। इस घटनाक्रम पर शहर में हल्ला मचने पर जिम्मेदार अधिकारी जागे और जांच के आदेश दिए।
संभागायुक्त दीपक सिंह ने गोपाल मंदिर इंदौर के प्रबंधक केएल कौशल की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं। साथ ही माफ़ी ऑफिसर डिप्टी कलेक्टर विनोद राठौर को प्रभारी पद से हटा दिया गया है। उन्होंने माफ़ी अधिकारी का प्रभार संयुक्त कलेक्टर कल्याणी पांडे को अतिरिक्त रूप से सौंपा है। उन्होंने कहा कि गोपाल मंदिर की व्यवस्था और संचालन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाए। यह समिति मंदिर संचालन से जुड़े ‘क्या करें और क्या न करें’ की गाइडलाइन तैयार करेगी।
गौरतलब है कि राजवाड़ा के समीप गोपाल मंदिर का निर्माण यशवंतराव होलकर प्रथम की पत्नी कृष्णाबाई ने सन 1832 में 80 हजार रुपये में कराया था। मुख्य मंदिर पत्थर और परिसर के कक्ष पत्थर और लकड़ी से बनाए गए हैं। सागवान और कालिया की लकड़ी से बने मंदिर को मराठा और राजपूत शैली में आकार दिया गया है। तीन साल पहले स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इस मंदिर को 20 करोड़ रुपये में संरक्षित किया गया था।
विवाह आयोजक राजकुमार अग्रवाल का कहना है कि भगवान बांके बिहारी के सामने विवाह करने के लिए अनुमति लेकर आयोजन किया गया। मंदिर को फूलों से सजाकर रविवार के दिन विवाह करना तय किया गया ताकि किसी को परेशानी न हो। फिर भी किसी को परेशानी हुई है, तो इसके लिए माफी मांगते हैं।
कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि संभागायुक्त के निर्देश पर गोपाल मंदिर में विवाह कार्यक्रम आयोजित करने के मामले की जांच अपर कलेक्टर ज्योति शर्मा को सौंपी गई है। जांच कर रिपोर्ट संभागायुक्त को सौंपी जाएगी।