चंदेरी( माधव एक्सप्रेस)
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा चंदेरी में फर्जी एफडी एवं फर्जी तरीके से ग्राहकों की राशि आहरण करने का बड़ा मामला सामने आया है इसी के चलते बैंक के कैशियर शाकिर अली ने ललितपुर उत्तर प्रदेश के रेलवे फाटक पर जाकर ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली शाकिर अली की आत्महत्या के बाद उनके घर मिले थाना प्रभारी चंदेरी के नाम सुसाइड नोट में बैंक के अन्य अफसर कर्मचारियों पर लाखों रुपए के गबन एवं धोखाधड़ी कर राशि आहरण के आरोप लगाए हैं हालांकि माधव एक्सप्रेस सुसाइड नोट एवं उसमें लगाए गए किसी भी आरोप की पुष्टि नहीं करता है सहकारी बैंक में शाकिर अली का मूल पद भृत्त का था और पिछले कई वर्षों से बैंक प्रबंधन द्वारा उनसे केसियर एवं लेनदेन का काम लिया जा रहा था सहकारी बैंक में ही किसानों की समर्थन मूल्य एवं अन्य राशि जमा की जाती है
चंदेरी एसडीएम प्रथम कौशिक ने धोखाधड़ी की आशंका को देखते हुए पहले पूरी बैंक को ही सील करा दिया
तथा बैंक के जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा खाताधारकों किसानों की जमा पूंजी एवं एफडी की जांच कराएं जाने का भरोसा ग्राहकों को दिलाया इसी के चलते गुना से जब जांच दल टीम चंदेरी शाखा में पहुंची तो खाताधारकों ने बैंक में हंगामा कर दिया खाताधारकों को उनकी जमा पूंजी के बारे में कोई भी सक्षम अधिकारी द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा है
हंगामे के बीच एक खाताधारक ने आत्मदाह का भी प्रयास किया खाताधारकों ने आरोप लगाया है कि उनकी पासबुक एवं एफडी पत्रक बैंक में ही जमा है जिनके पास बैंक पासबुक हैं और पासबुक में जमा राशि अंकित है लेकिन बैंक से जब स्टेटमेंट निकाला तो उसमें उनकी राशि फर्जी तरीके आहरण कर ली गई इसी प्रकार ग्राहकों के पास एफडी पत्रक तो है लेकिन उसकी राशि बैंक में जमा नहीं की गई एफडी के ऊपर बैंक प्रबंधक एवं कैसियर के सील एवं हस्ताक्षर भी किए गए हैं किसी एफडी पर 12 अंक तो किसी एफडी पर 11 अंकों के नंबर अंकित किए गए हैं बैंक में गरीब मजदूर किसानों ने अपने जीवन की जमा पूंजी बड़े ही विश्वास से बैंक में जमा की थी खाताधारकों ने बैंक से राशि दिलाने तथा जांच के लिए पीएचई मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव को ज्ञापन दिया तथा विधायक गोपाल सिंह चौहान द्वारा एसडीएम को जांच कराने हेतु तथा ग्राहकों की राशि लौटाने हेतु ज्ञापन दिया गया
अब देखना यह है कि बड़े पैमाने पर बैंक ग्राहकों के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी हेराफेरी करने वाले बड़े अधिकारियों पर शिकंजा कसता है या नहीं तथा ग्राहकों की जमा पूंजी कब तक और कैसे लौटाई जाती है