निप्र,जावरा (लखन पंवार) मध्यप्रदेश के रतलाम ज़िले के कालूखेड़ा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र जावरा रतलाम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सहायक महानिदेशक डॉ. आर. के. सिंह (कृषि प्रसार), मालवा के रतलाम जिले कि खेती-किसानी का जायजा लेने पहुंचे। कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष श्री के. के. सिंह कालूखेड़ा द्वारा स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। श्री के. के. सिंह कालूखेड़ा ने केंद्र द्वारा जिले में किए जा रहे नवाचारों के बारे में चर्चा किया की। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. सर्वेश त्रिपाठी ने केंद्र की विभिन्न डेमो/उत्पादन इकाइयों का भ्रमण करवाया। डॉ.सिंह ने केवीके की विभिन्न डेमो/उत्पादन इकाइयों का भ्रमण कर, कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जिले के किसानों की उन्नति के लिए बहुत ही अच्छा कार्य किया जा रहा है । सहायक महानिदेशक द्वारा तितरी गांव में जितेंद्र पाटीदार के अंबी वाइन उत्पादन इकाई, अंगूर एवं अमरूद के बगीचों का भ्रमण एवं रियावन गांव में अरविंद पाटीदार के हाड्रोपोनिक इकाई का भ्रमण किया। केवीके वैज्ञानिकों के साथ रशुलपुर मुंडली के प्रगतिशील किसान दयाराम पाटीदार के अफीम, लहसुन, हल्दी, प्याज के खेतों पर भी भ्रमण किया। सहायक महानिदेशक द्वारा तिलहन आदर्श ग्राम के अंतर्गत आलोट तहसील के सांगाखेड़ा एवं आख्याखुर्द गांव का भ्रमण कर सरसों आर एच-761 प्रजाति के प्रदर्शन प्रक्षेत्र का अवलोकन किया। तिलहन आदर्श ग्राम में आयोजित कृषक संगोष्ठी में सहायक महानिदेशक ने किसानों को तिलहन मॉडल ग्राम परियोजना के उद्देश्यों से कृषकों को अवगत कराया। उन्होंने कृषकों को संबोधित करते हुए कहा तिलहन आदर्श ग्राम परियोजना का उद्देश्य तिलहन में आत्मनिर्भर होना है, तिलहन फसल उत्पादन में वृद्धि, उत्तम गुणवत्ता का बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करना, किसानों को नई फसल उत्पादन तकनीक के बारे में अवगत करवाना, साथ ही स्थानीय स्तर के उद्यमियों को बढ़ावा देने जैसे तेल उत्पादन करने वाले खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देकर गांव को जिले में तिलहन उत्पादन में एक आदर्श गांव स्थापित करना है। इस अवसर पर उपस्थित किसानो द्वारा परियोजना अंतर्गत खरीफ सीजन में सोयाबीन का अच्छा उत्पादन प्राप्त होने पर प्रसन्नता व्यक्त किया गया। कार्यक्रम के अंत में सहायक महानिदेशक ने जिले में फसलों की विविधता को देखते हुए कहा कि रतलाम जिला भविष्य में उद्यानिकी, खाद्यान्न, मसाला एवं औषधीय फसलों के उत्पादन में अग्रणी भूमिका निभाएगा। उपरोक्त कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक, अटारी जबलपुर से डॉ अर्पित सोमटिया एवं कृषक उपस्थित रहे।
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