पटना, 20 दिसम्बर । राज्य में कानून-व्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। पुलिस महानिदेशक विनय कुमार रात-रात भर शहर व पुलिस थानों में घूमकर विधि व्यवस्था के बारे में जानकारी ले रहे हैं, तो पुलिस की टीम मुस्तैदी से काम कर रही है। बिहार पुलिस की डायल 112 कम से कम समय में पहुंचकर लोगों की अपनी सेवा दे रही है। दिसम्बर माह की ही कुछ घटनाओं पर नजर डालें, तो सूचना मिलने के 5 से 10 मिनट के अंदर घटनास्थल पर पहुंच कर पुलिस आमलोगों को अपनी सेवा मुहैया करा रही है।
कुछ महीने पहले बिहार पुलिस मुख्यालय से जारी आंकड़ों के अनुसार, कॉल हैंडिलिंग में बिहार पुलिस की डायल 112 की टीम दूसरे नंबर पर थी, तो रेस्पॉन्स टाइम में राज्य का स्थान 7 वां था। उस वक्त रेस्पॉन्स टाइम औसतन 20 मिनट था, जो लगातार बेहतर होता जा रहा है। मुख्यालय के अनुसार, पिछले दो वर्षों में डायल 112 ने 20 लाख से अधिक लोगों को सेवा प्रदान की है। इसके तहत लगभग 5,000 लोग प्रतिदिन सेवा प्राप्त करते हैं।
5 मिनट में ही घटनास्थल पहुंचकर घायलों को पहुंचाया जा रहा अस्पताल
वैशाली जिले के देसरी थानांतर्गत 2 मालवाहक वाहन की टक्कर की सूचना मिली थी, जिसके बाद डायल 112 की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 5 मिनट के अंदर घटनास्थल पर पहुंचकर घायल चालक को अस्पताल पहुंचा दिया।
मारपीट व वाहन चोरी के मामले में भी अब मिनटों में हो रही कार्रवाई
ऐसा नहीं है कि डायल 112 की टीम सिर्फ सड़क दुर्घटनाओं में ही घटनास्थल पर पहुंच कर लोगों को सहायता पहुंचा रही है। मारपीट व वाहन चोरी जैसे मामले में भी जानकारी मिलने के तुरंत बाद कार्रवाई हो रही है। पूर्वी चम्पारण (मोतिहारी) जिले के पिपरा थानांतर्गत दो पक्षों के बीच मारपीट की सूचना मिलते ही डायल 112 टीम ने त्वरित कार्रवाई की। पुलिस टीम ने 7 मिनट के अंदर घटनास्थल पर पहुंचकर मामले को शांत कराया और मारपीट में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाया गया। इसी तरह की एक और घटना पूर्वी चम्पारण के ही चिरैया थानांतर्गत हुई, जिसमें घायल महिला को फौरन अस्पताल पहुंचाया गया। शेखपुरा जिले के शेखपुरा थानांतर्गत ई-रिक्शा चोरी होने की सूचना पर डायल 112 की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ई-रिक्शा को बरामद कर उसके मालिक को सौंपा गया। 18 दिसंबर को दोपहर में बिहार पुलिस के पटना स्थित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में एक महिला द्वारा हत्या का प्रयास किए जाने में संबंधी एक कॉल प्राप्त हुई। मुजफ्फरपुर जिले में स्थित मोतीपुर-ईआरवी2 ने बहुत ही कम समय यानी लगभग 10 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचकर त्वरित कार्रवाई की। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद ईआरवी पुलिसकर्मियों ने घायल महिला को निकटतम अस्पताल में भर्ती कराया और एसएचओ को इस घटना के बारे में सूचित किया। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों में बहुत ख़ुशी थी। ऐसी ही एक घटना अरवल जिले में हुई, यहां करपी थानांतर्गत आत्महत्या का प्रयास कर रही एक महिला को इलाज हेतु तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जिससे उसकी जान बच पाई।
गुमशुदगी मामले में त्वरित कार्रवाई कर लोगों की ‘मुस्कान’ लौटा रही पुलिस
बिहार पुलिस की डायल 112 की टीम अब सिर्फ शहर में ही सक्रिय नहीं है, राज्य के हर जिले में पुलिस की टीम चौबीसों घंटे काम कर रही है। बच्चों की गुमशुदगी मामले में भी पुलिस तुरंत कार्रवाई कर रही है। मंगलवार को जहानाबाद के कल्पा थाना को सूचना मिली कि एक लड़का कल्पा थानान्तर्गत शाहबाजपुर गांव से सुबह 8 बजे से गुम हो गया है, वहीं नगर थाना के पास भी सूचना मिली कि एक लड़का मदारपुर से सुबह से ही गुम है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर कल्पा पुलिस एवं जहानाबाद पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों के परिजनों से पूछताछ की गई। घर व स्कूल के आसपास में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया। काफी खोजबीन के बाद दोनों बच्चे को बुधवार की सुबह पटना स्थित गांधी मैदान के पास से सकुशल बरामद कर उनके परिजनों को सौंप दिया गया। मंगलवार को ही राजधानी पटना के शास्त्रीनगर थानान्तर्गत एक बच्चे के गुम होने की सूचना मिली, बिहार पुलिस की टीम ने इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 30 मिनट में ही बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। वहीं, मोतिहारी के नगर थानांतर्गत गुम हुई एक बच्ची को सकुशल बरामद कर उनके परिजनों को सौंपा गया। वहीं, पूर्वी चम्पारण के ही रक्सौल थानांतर्गत गुम हुए बच्चे को 5 मिनट के अंदर सकुशल बरामद कर उनके परिजनों को सौंपा गया, जिससे परिवार के चेहरे की मुस्कान लौट पाई।
सोशल मीडिया पर भी 24 घंटे ‘ऑनलाइन पेट्रोलिंग’ कर रही बिहार पुलिस
बिहार पुलिस मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेंटर से राज्यभर की घटनाओं पर चौबीसों घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है। कोई भी घटना होने पर संबंधित जिले और अधिकारी को यहाँ से सूचना प्रेषित की जाती है और उसपर कार्रवारी सुनिश्चित कारवाई जाती है। कई बड़ी घटनाओं पर त्वरित रेस्पॉन्स लेते हुए सोशल मीडिया की टीम ने बेहतरीन काम किया है। सितंबर माह में ही बिहार के छात्र एसएसबी भर्ती परीक्षा देने सिलीगुड़ी गए थे। बांग्ला पक्खो नामक कट्टरपंथी संगठन के लोगों द्वारा इन छात्रों को धमकाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था, जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए बिहार पुलिस ने बंगाल पुलिस को सोशल मीडिया पर टैग कर आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दिया, जिसके बाद पश्चिम बंगाल की सिलीगुड़ी पुलिस हरकत में आई थी। इसके अलावा सोशल मीडिया सेंटर से उन अकाउंट पर भी कड़ी नजर रखी जाती है, जिसके जरिए भ्रामक या उन्माद फैलाने वाले पोस्ट किए जाते हैं। ईओयू के द्वारा चार सौ से ज्यादा संदिग्ध अकाउंट बंद करवाए गए। सबसे बड़ी बात सोशल मीडिया पर बिहार पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ रहा है।