चंदेरी। (पुष्कर श्रीवास्तव )अर्ध्य चंद्राकर विंध्याचल बादीओं में अपनी टेढ़ी-मेढ़ी पथरीले रास्तों के साथ कुआं -बावड़ी,तालाब,पोखरो,झीलों, झरनों कंदराओं में उकेरी हस्त कलाओं, मंदिरों-मस्जीदों,महलों -हवेलियों, के साथ साथ पत्थरों को चूने और गारे में जोड कर पथरीले रोशनदान झरोखों के साथ ही गुम्मतो छोटे बडें पत्थर से बनी छतों पोर और देहलानों,पोरों पथरिले झज्जों की पहचान ही चन्देरी की मुख्य पहचान रही है।
और यही पहचान ही देशी विदेशी पर्याटकों का आकर्षण का केंद्र रही है।
जिसमें मुख्य रूप से कौशक महल,बादल महल,रामनगर महल,हवापोर महल, सिंहपुर महल, कीर्ती दुर्ग देश में अपनी पहचान के लिए मोहताज नहीं है वहीं राजा का महल,खूनी दरबाजा, देहली दरवाजा, कुंअर जी की हवेली निप्पू जैन की हवेली और नृसिंह मंदिर चोक के साथ ही लक्ष्मण मंदिर ताल भी कई वर्षों से फिल्मी दुनियां की पसंद वनी हुई है।
बही नवीन निर्माणित भबनो मे बुनकर पार्क, तेहसील परिसर होटल कीलाकोठी ताना-बाना होटल सहित बुनकर कालोनी भी अपनी पारम्परिक पहचान के लिए पर्याटको और फिल्मी दुनीयां को आकर्षित कर रही है।
पर आधुनिकता की होड़ और सस्ते निर्माण के चलते इसकी यह पहचान विलूप्त होतीजा रही है ।
बही बढ़ती जनसंख्या और जमीन की कमी भी इसका एक कारण हो सकती है।
क्यों की पत्थर का निर्माण मजबूत है पर समय और धन के पारम्परिक है बही लोहै और किंक्रिट का निर्माण सस्ता और कम समय और कम स्थान से बनने वाला है फैशन के इस दौर में रोज रोज निर्माण सामग्री का आना और लोगों मैं आधुनिकता की होड़ के चलते आज चंदेरी उस धरातल पर खड़ी है की यदी समय रहते कुछ नहीं किया गया तो चंदेरी की मूल पहचान कुछ ही समय में बिलुप्त हो जाएगी ?
विधायक प्रतिनिधि जिनेद्र जैन “निप्पू भैया ” सर्व प्रथम तो सार्वजनिक स्थलों पर लोहे और किंक्रिट के निर्माण को पूर्ण रुप से प्रतिवंधित कर देनी चाहिए।और व्यक्तीगत निर्माण में कमसे कम बहरी दीवालो पर पत्थर का निर्माण अनिवार्य कर देना चाहिए। ताकी नगर की बह स्थिती पर्मपरिक ही दिखें।
पहले जब कैलाशवाशी श्रीमंत महाराज माधवराव जी सिंधिया जी थे उस समय में उनके प्रयास से बुंकरों को प्रदत्य भूमीयो पर किंक्रिट का निर्माण प्रतिवंदित था पर श्रीमंत महाराज सहाब का कैलाश गमन होने और विषेश क्षैत्र प्रधिकरण को नरक पालिका मेंशामिल होते और नगरपालिका की सुविधा शुल्क ने इसे भी मनमर्जि के निर्माण कराकर चन्देरी की इस पारम्परिक पहचान को विल्पती की और बहुचा दिया है।
इसी के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना ने एक और गरीवों को पक्की छत तो प्रदान की पर चन्देरी की परम्परिक पहचान को विलुप्ती की और पंहुचा दिया हैं। चंदेरी को अपना परिवार मानने वाले लोक प्रिय सांसद और केंद्रिय मंत्री श्रीमंत महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया जी से आग्रह है किया है कीअपने पिताकैलाश वाशी श्री मंत के अधूरे कार्यों योजनाओं पर ध्यान देकर चन्देरी क्षेत्र को पुनः विशेष क्षेत्र प्रधीकरण की स्थापना कराकर चन्देरीमे परम्परिक निर्माण के लिए कराने की कृपा करें।