-सेवानिवृत्ति जीवन के कई दशकों की सेवा एवं मेंहनत का एक पारितोषिक तो हैं ही साथ ही एक संस्था परिवार से बिछुड़ने की सजा भी हैं -श्रीमती अन्ना
भाभर
वरिष्ठ शिक्षिका अन्ना भाभर का ऐतिहासिक बिदाई समारोह।
थांदला से विवेक व्यास माधव एक्सप्रेस शासकीय बालक उत्कृष्ट विद्यालय थांदला संकुल के प्राथमिक विद्यालय सूजापुरा में पदस्थ सरल, सहज शिक्षिका श्रीमती अन्ना भाबर आज सेवानिवृत्त हुई उन्होंने करीब 35 वर्ष तक अपनी सेवाएं शिक्षिका के रूप में दी क्षेत्र के सैकड़ों विद्यार्थियों ने श्रीमती भाभर से शिक्षा ग्रहण के पश्चात आज अनेकों जगह पर विभिन्न पदों पर सेवा कार्य कर रहे हैं।
इस अवसर पर संकुल प्राचार्य विकास खंड शिक्षा अधिकारी पी एन अहिरवार , बी. आर. सी. राम बिहारी रायपुरिया, मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष संजय धानक, जयश शर्मा, सुभाष डामोर तेजस जैन, रवि श्रीवास्तव जन शिक्षक राम चंद्र मेडा , जन शिक्षक आनंद अमलियार, रमीला भिमावत, निर्मला पारगी ,प्रेमलता चरपोटा, रमेश मीणा, श्री राम, व संकुल का समस्त स्टाफ व उनके परिवार तथा गांव के गणमान्य नागरिक ने आत्मीयता के साथ स्वागत सम्मान कर विदाई दी।
बिदाई समारोह से अभिभूत श्रीमती भाभर ने अपने उद्बोधन में कहा सेवानिवृत्ति जीवन के कई दशकों की सेवा एवं मेंहनत का एक पारितोषिक तो हैं ही साथ ही एक संस्था परिवार से बिछुड़ने की सजा भी हैं. वैसे तो जीवन बहुत बड़ा हैं मगर आज भी मुझे वो दिन याद हैं
जब मैं पहली बार आई थी जैसे वो कल ही था, नयें लोग, नई जगह, नई जिम्मेदारी बस फिर क्या था पता ही नहीं चला जिन्हें अजनबी कहते हैं वे अपने हो गये और आज हमें पराया किया जा रहा हैं.
मैंने अपने जीवन का अधिकतर समय यही व्यतीत किया हैं यह मेरा दूसरा घर था जहाँ अपने साथियो के साथ नहीं बल्कि परिवार के अपनों की तरह प्यार पाती रही।
वैसे तो इस चारदीवारी के इस कार्यालय के लिए औपचारिक तौर पर यह आखिरी दिन हैं. मगर हमारा रिश्ता जो इन वर्षों में बना हैं वो सदा ही बना रहेगा.
सेवा निवृत्ति के इस अवसर पर मैं आप सभी को मुझे सम्मान देंने के लिए धन्यवाद देना चाहूंगी साथ ही विदाई समारोह के आयोजकों को भी हमारा धन्यवाद, जिन्होंने इस दिन को खास बनाने के लिए इस कार्यक्रम को अंजाम दिया
मित्रों किसी के आने और जाने से जीवन थम नहीं जाता हैं क्योंकि निरन्तरता जीवन का ही दूसरा नाम हैं. बस लोगों के साथ अपनी यादे और बिताये पल याद रह जाते हैं।
बेहद भारी भारी मन से मैं आप सभी को अलविदा कहने जा रही हूँ, मुझे उम्मीद हैं आप जीवन में हमेशा उच्च लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में अग्रसर रहेगे ।
यदि सेवानिवृत्ति को अन्य शब्दों में कहे तो यह मानव का दूसरा जन्म होता हैं जो अब मैं लेने जा रही हूँ. जीवन के इस पड़ाव में व्यक्ति की जिम्मेदा रियां और अधिक हो जाती हैं.
वह अपने प्रोफेशन को छोड़कर समाज सेवा, परिवार के साथ समय बिताने में शेष जीवन को अर्पित कर देता हैं. अंत मैं बस इतना ही कहना चाहूंगी आपके इतने प्यार के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
मेरी ईश्वर से प्रार्थना हैं कि आप जीवन में निरंतर प्रगति की राह पर अग्रसर रहे, अपने कर्तव्य एवं ईमानदारी के पथ पर चलते हुए सपने साकार करे. धन्यवाद।
सहज,सरल स्वभाव की वरिष्ठ शिक्षक बहिन अन्ना भाभर की सेवा निवृती पर स्टाफ व अन्य लोगों ने भावभीनी विदाई देते हुए कहा कि शिक्षक ही जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलाता है, जिससे बच्चे अपने जीवन और करियर को सही दिशा में अग्रसर करते हैं।