ग्राम बड़ेहड़मामुंड़ा के घर-घर मिला रहा पेयजल
दंतेवाड़ा, 23 अक्टूबर 2024
ग्राम बड़ेहड़मामुंड़ा जिला मुख्यालय से लगभग 35 किमी दूर बसा गांव है। यह विकासखंड कुआकोंडा का ग्रामपंचायत गोंगपाल का आश्रित ग्राम है। यहां की कुल घरों की संख्या 105 और जनसंख्या है। ग्राम में मुख्यतः आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं जिनका दैनिक जीवन खेती और मजदूरी आजीविका पर निर्भर है। इस क्रम में ग्राम बड़ेहड़मामुंडा में कुल 4000 मीटर पाइप लाइन बिछाकर 4 सोलर पंप के माध्यम से सभी 137 घरों और स्कूल, आश्रम और आंगनबाडि़यों में पेयजल की सुविधा पहुंचाई गई है।
कलेक्टर एवं अध्यक्ष, जिला जल एवम स्वच्छता मिशन मयंक चतुर्वेदी के निर्देशन में एवं कार्यपालन अभियंता एवं सदस्य, जिला जल एवं स्वच्छता मिशन, निखिल कंवर के मार्गदर्शन में ग्राम बड़ेहड़मामुंडा में जल उत्सव का आयोजन कर ग्राम पंचायत सरपंच श्री जोली राम ओयामी, सचिव श्रीमती लक्ष्मी मुड़ामी द्वारा रोजगार सहायक मुकेश कुमार ओयामी के संवादन से ग्राम बड़ेहड़मामुंडा को हर घर जल ग्राम घोषित किया गया। जल उत्सव में उपस्थित ग्रामीण जनों द्वारा प्रमाणीकरण के प्रस्तावों को हाथ उठाकर एक स्वर में सहमति दिया गया। ग्राम बड़ेहड़मामुंडा के प्रत्येक ग्रामीणों के अंतर्मन तक जल उत्सव का उल्लास भरा रहा। वहीं कुछ सियान और ग्रामीण इतनी बड़ी योजना का ग्राम तक आने और ग्रामीणों को योजना के संचालन की जिम्मेदारी से आश्चर्य और खुशी दोनों ही प्रकट कर रहे थे। हर्षित महिला ग्रामीण श्रीमती सुनीता नाग ने कहा कि हमने कभी सोचा ही नहीं था कि कभी हमारे गांव के घर आंगन में नल लगेगा और पीने का साफ पानी मिलेगा। पहले हम लोग हैंडपंप में दूर दूर तक पीने का पानी लाने जाते थे। हैंडपंप भी खराब हो जाने से पानी लेने दूसरे पारा जाना पड़ता था। मेरे घर सदस्य ज्यादा है इसलिए पानी भी ज्यादा भरना पड़ता था। अब जल जीवन मिशन के आने से घर में ही साफ पानी मिल जाता है और हम गांव की महिलाएं बच्चों को स्कूल, आंगनवाड़ी भेज कर स्व सहायता समूह में ज्यादा समय काम करके आर्थिक आमदनी से स्वावलंबी हो रही हैं। पानी की घर बैठे मिल रही सुविधा से गांव की सब महिला बहुत खुश हैं।
जल उत्सव कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के आई एस ए जिला परियोजना समन्वयक शिल्पी शुक्ला ने जल जीवन मिशन के शुभारंभ हेतु सभी ग्रामीणों को बधाई देते हुए योजना के संचालन और निरंतरता हेतु जानकारी दिया। इसी क्रम में आईएसए जिला परियोजना समन्वयक शिल्पी शुक्ला ने जल संरक्षण के महत्व को बताते हुए जल जीवन मिशन योजना संचालन एवं प्रबंधन हेतु ग्राम जल स्वच्छता समिति, पानी व निगरानी समिति और प्लंबर के जिम्मेदारियों को बताया। इसी क्रम में जल गुणवत्ता जिला परियोजना समन्वयक अंकिता सिंह द्वारा जल गुणवत्ता जांच (एफटीके) के द्वारा पेयजल के जांच की विधियों की जानकारी देकर ऑनलाइन एंट्री करना सिखाया गया। कार्यक्रम के अंत में उप अभियंता प्रकाश कुमार मरकाम ने विभाग द्वारा समापन रिपोर्ट करते हुए योजना प्रबंधन हेतु मुख्य बिंदुओं की जानकारी दिया गया।