चीता हेलीकॉप्टर ने दोनों पर्वतारोहियों को 17,400 फीट की ऊंचाई से एयरलिफ्ट किया
नई दिल्ली, 06 अक्टूबर । वायु सेना ने उत्तराखंड की चौखंबा तृतीय चोटी पर चढ़ने के प्रयास में तीन दिनों से फंसी दो विदेशी महिला पर्वतारोहियों को 60 घंटे तक ऑपरेशन चलाने के बाद रविवार को सुबह सुरक्षित बचा लिया है। अमेरिका की मिशेल थेरेसा ड्वोरक और ब्रिटेन की फे जेन मैनर्स 3 अक्टूबर से 6,015 मीटर की ऊंचाई पर फंसी थीं। इनका भोजन और चढ़ाई के सामान वाला जरूरी बैग खाई में गिर गया था, जिसके बाद दोनों विदेशी महिलाओं ने अपनी एक महिला मित्र से मदद मांगी थी।
यूएसए की मिशेल थेरेसा ड्वोरक और यूनाइटेड किंगडम की फे जेन मैनर्स 15 सितंबर को दिल्ली पहुंचीं थीं। दोनों विदेशी पर्वतारोही 2022 में बने उस रिकॉर्ड को तोड़ना चाहती थीं, जिसे 6,200 मीटर की ऊंचाई पर उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी डेनाली पर चढ़कर पिता भारतीय मूल के अजीत और पुत्री दीया बजाज ने बनाया था। दोनों अनुभवी पर्वतारोही महिलाएं भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन की ओर से आयोजित एक विदेशी पर्वतारोहण अभियान में शामिल हुईं और उत्तराखंड के चमोली जिले में 6,995 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चौखम्बा तृतीय चोटी पर चढ़ाई शुरू की।
वायु सेना के अनुसार चोटी पर पहुंचने की कोशिश करते इन पर्वतारोहियों का 6,015 मीटर की ऊंचाई से बैग गिर गया, जिसमें इनका भोजन और चढ़ाई से संबंधित सामान था। इतनी ऊंचाई पर फंसने के बाद दोनों महिलाओं ने 3 अक्टूबर को पेजर के जरिए अपनी मित्र श्वेता शर्मा से संपर्क करके 6,015 मीटर की ऊंचाई पर फंसने की जानकारी दी। यह दोनों महिलाओं के साथ आखिरी संवाद था। इसके बाद उत्तराखंड के राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को जानकारी दी गई। इस पर एसडीआरएफ ने भारतीय वायु सेना से मदद मांगी।
दो विदेशी महिला पर्वतारोहियों के लापता होने की सूचना मिलने के बाद भारतीय वायु सेना ने एसडीआरएफ और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ संयुक्त अभियान शुरू किया। शुक्रवार को भारतीय वायु सेना के दो हेलीकॉप्टरों ने उन्हें खोजने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया। कोहरे और प्रतिकूल मौसम की वजह से खोज और बचाव अभियान में बाधा उत्पन्न होने के कारण शनिवार को पर्वतारोहण में प्रशिक्षित एसडीआरएफ कर्मियों ने उनका साथ दिया। लगभग 60 घंटे तक ऑपरेशन चलाने के बाद वायु सेना ने रविवार की सुबह दोनों विदेशी महिला पर्वतारोहियों को सुरक्षित बचा लिया। तीन दिन तक फंसे रहने के बाद थकी हुई होने के बावजूद दोनों महिलाएं मुस्कुरा रही थीं। इसके बाद अमेरिका की मिशेल थेरेसा ड्वोरक और ब्रिटेन की फे जेन मैनर्स को ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) हेलीपैड पर लाया गया।
वायु सेना ने एक बयान में कहा कि यूएस और यूके की पर्वतारोहियों का बचाव भारतीय वायु सेना के लचीलेपन और कौशल का प्रमाण है। दो दिनों तक खराब मौसम से जूझने के बाद भारतीय वायु सेना के चीता हेलीकॉप्टर ने चरम स्थितियों में उल्लेखनीय समन्वय का प्रदर्शन करते हुए पर्वतारोहियों को 17,400 फीट की ऊंचाई से एयरलिफ्ट किया। चीता पायलटों ने 18,500 फीट की चुनौतीपूर्ण ऊंचाई पर असाधारण उड़ान कौशल का प्रदर्शन करते हुए इस बचाव मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दो महिला पर्वतारोहियों के उल्लेखनीय बचाव और निकासी अभियान के लिए हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है।