इंदौर। हर साल मॉनसून के मौसम में पातालपानी से कालाकुंड के लिए हैरिटेज ट्रेन की शुरुआत की जाती है। दस किलोमीटर लम्बे सफर को प्रकृति के करीब जाने और समझने की अद्धभुत यात्रा माना जाता है। इस दौरान पर्यटकों को प्रकृति का ऐसा नजारा देखने को मिलता है जो कभी स्मृति पटल से ना उतरता है ।
शनिवार को स्टेट प्रेस क्लब, मप्र के सौ सदस्यीय दल ने पातालपानी से कालाकुंड के बीच चलने वाली हेरिटेज ट्रेन से यात्रा की। मीडियाकर्मी अपने परिजनों के साथ जब ग्राम कालाकुंड पहुंचे तो काला कुंड के सरपंच, सचिव एवं ग्रामीणजनों द्वारा सभी का तिलक लगाकर स्वागत किया गया।
संकट मोचन हनुमान मंदिर काला कुंड में आयोजित स्वागत समारोह में सौ वर्षीय संत गौरवानंद जी सरस्वती महाराज मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। विशेष अतिथि पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा थे। इस अवसर पर स्टेट प्रेस क्लब, मप्र द्वारा ग्राम के गणमान्यजनों सर्वश्री सुनील गेहलोत,शिवप्रसाद दुबे, ईश्वरी प्रसाद दुबे, रामचंद्र यादव,ईश्वर कोहली, मुकेश यादव,प्रकाश दुबे, राजेंद्र दुबे, दिनेश पटेल,गेंदालाल जाधव,नरेंद्र यादव, रुपेश वाघमारे,गजेंद्र सिंह चंदेल को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। जनसंपर्क अधिकारी श्री मीणा को कार्टूनिस्ट कुमार ने हेरिटेज ट्रेन का कैरिकेचर भेंट किया। कवि दिनेश भारती एवं प्रकाश गुप्ता ने काव्य पाठ किया।कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार मीना राणा शाह, रचना जौहरी, शीतल रॉय, डॉ. अजय शुक्ला, डॉ. दीपक जैन एवं पुष्कर सोनी ने यात्रा के अनुभव साझा किए। अतिथियों का स्वागत पंकज शर्मा, राजेंद्र कोपरगांवकर, रवि चावला, सोनाली यादव, अभिषेक सिसोदिया,समीर पाठक, योगेश राठौर,दीपक पाठक, सुदेश गुप्ता, प्रवीण धनोतिया,नरेश रॉय, संजय मेहता,मोहन वर्मा,बंसी लालवानी, संतोष रुपेता,डॉ. दीपक जैन आदि ने किया।मालवी भोज के पश्चात् भाजपा नेता राकेश यादव ने आभार माना एवं हेरिटेज ट्रेन तक दल को विदाई दी। पातालपानी अहिंसा पर्वत पर भी दल के सदस्यों का स्वागत किया गया। प्रेस क्लब ने इस इलाके में हज़ारों वृक्ष लगाने वाले पर्यावरणविद एवं समाजसेवी अशोक मेहता का अभिनन्दन भी किया।
घाट क्षेत्र के अधूरे कामों से कराया अवगत
भगोरा-कालाकुंड के बीच में जो घाट क्षेत्र का काम अधूरा है वह पूरा कराने की मांग सरपंच शिवप्रसाद दुबे ने मीडिया के समक्ष रखी। चोरल- काला कुंड की सड़क में आने वाले चार पुलिया को शीघ्र बनाने,कालाकुंड हाई स्कूल बिल्डिंग बनाने, टीचर की संख्या बढ़ाए जाने, काला कुंड स्टेशन पर टिकट खिड़की खोलने की मांग भी रखी गई। इंदौर से कालाकुण्ड इलाके में हेलीकॉप्टर सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग भी सरपंच एवं ग्रामीणजनों ने रखी जिस पर सभी पत्रकार साथियों ने मुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री तक यह बात पहुंचाने की बात कही। हेलीकॉप्टर सुविधा शुरू होने से ज्यादा से ज्यादा यात्री कालाकुंड पहुंच सकेंगे। जिससे सरकार को राजस्व भी प्राप्त होगा और यात्रियों की सुविधा बढ़ जाएगी।
वादियों का ट्रैक हुआ हेरिटेज घोषित
जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा ने मीडिया दल को ट्रेन में बताया कि पातालपानी से कालाकुंड की वादियों के ट्रैक को 2018 में हेरिटेज ट्रैक घोषित किया गया था। इसी के साथ प्रदेश की एकमात्र हेरिटेज ट्रेन की शुरुआत हुई थी।
पातालपानी-कालाकुंड तक चलने वाली यह हेरिटेज ट्रेन शुरुआत से ही यात्रियों को खूब रास आई। प्रत्येक वर्ष वर्षाकाल में इसका संचालन किया जा रहा था। बता दें कि यह रेलवे लाइन वर्ष 1877 में बिछाई गई थी। कुछ वर्ष पहले इस ट्रैक को बंद करने की योजना थी, लेकिन पर्यटन स्थल को देखते हुए यहां छोटी ट्रेनें चालू रखी गईं।यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन चलती है। उन्होंने बताया कि पातालपानी पर स्टेशन की नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है। यात्रियों के अन्य सुविधा जुटाने के लिए भी प्रयास जारी है।
ट्रेन ने बढ़ा दिया उत्साह
यात्रा के दौरान स्टेट प्रेस क्लब, मप्र के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल ने कहा कि पातालपानी से कालाकुंड तक हेरिटेज ट्रेन एक मनोरम दृश्य दिखाने का कार्य करती है। विस्मयकारी पातालपानी जलप्रपात के अलावा, प्राकृतिक सौंदर्य और स्थानीय अनुभव दोनों चाहने वाले यात्रियों के लिए पातालपानी से कालाकुंड तक हेरिटेज ट्रेन की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।
पाताल तक पहुँचता है पानी
चोरल नदी द्वारा निर्मित पातालपानी झरना लगभग 300 फीट की ऊंचाई से गिरता है। झरने के तल पर बनने वाले तालाब की गहराई अज्ञात है, लेकिन लोग बोलचाल की भाषा में कहते हैं कि यह ‘पाताल’ (नरक) की गहराई तक पहुँचता है इसलिए इस झरने को पातालपानी के नाम से जाना जाता है, जहाँ पाताल का अर्थ है “पृथ्वी की परत के नीचे” और पानी का अर्थ है “पानी”। यह स्थान घने जंगल, ऊँची पहाड़ियों और हरे-भरे दृश्यों से घिरा हुआ है और इंदौर के पास एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है।पातालपानी झरने और आस-पास की जगहों की यात्रा की योजना बनाने के लिए मानसून सबसे अच्छा समय है। बारिश के कारण आस-पास का वातावरण हरा-भरा हो जाता है और जगह में मिट्टी की खुशबू आती है। मानसून के दौरान पानी का प्रवाह काफी बढ़ जाता है जो इसे और भी खूबसूरत बना देता है। हालाँकि, आप सर्दियों के दौरान भी यहाँ आ सकते हैं, लेकिन आपको गर्मियों के मौसम में यहाँ आने से बचना चाहिए। गर्मियों के दौरान, झरना लगभग गायब हो जाता है, और धारा कम होकर एक छोटी सी धारा बन जाती है। झरने से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाती है और फिसलन वाले जूते पहनने से बचना चाहिए।
भगवान से चाहो मत, भगवान को चाहो
भगवान को निष्काम रूप से जो मानता है भगवान उन्हें अपना बनाता है। जो भगवान के चरणों में मन लगाता है भगवान उस पर कृपा करते हैं। यह बात स्वामी गौरवानंद जी सरस्वती ने संकट मोचन हनुमान मंदिर काला कुंड में आयोजित पत्रकारों के स्वागत समारोह में कही। उन्होंने कहा कि सुदामा ने भगवान की निष्काम भक्ति की भगवान से मांगा नहीं सुदामा ने अपने पास के दो मुट्ठी चावल तक भगवान को दे दिए तो उन्हें भगवान ने सब कुछ दे दिया इसीलिए भगवान से चाहो मत, भगवान को चाहो।