निप्र, जावरा मध्यप्रदेश के रतलाम जिले की सड़कों के हाल इतने बेहाल है कि हर मोड़ पर गड्डों का विकास मॉडल नजर आने लगेगा ,लेकिन जिम्मेदार ठेकेदारों पर कोई कार्यवाही नही होती, शासन की प्रशासनिक कार्यनीति ठेकेदारों की साठगांठ की ओर इशारा कर रही है ,जिसका नजारा गत दिनों पूर्व रतलाम जिले के विपक्षी दल नेता द्वारा सड़कों की बेहाली पर निकाले गए ,मोर्चे के द्वारा सड़कों को गलत तरीके से बनाए गए कार्यों को उजागर करने के दौरान देखा गया,जिसके अंतर्गत आवाज उठाने वाले नेता पर जनता को साथ लाना गलत तरीका बया कर गया जिसके बाद आधिकारिक रूप से एफआईआर भी दर्ज हो गई, लेकिन प्रशासन की अपनी सोच है की लोकतांत्रिक देश में गलत नीतियों पर आवाज उठाने वालों पर कहि सच सामने न आ जाए इसलिए प्रशासनिक दबाव बनाया जाए,बारिश के चलते रतलाम जिले की कई सड़के गड्डों से उभरती नजर आ रही है वही जावरा विधानसभा में सड़कों के गड्ढे भरना विकास करने के बराबर दिखाई देता है नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के सड़क के विकास कार्य भष्ट कार्यप्रणाली को बयां करते है लेकिन जनता की चुप्पी ओर जनप्रतिनिधियों की सुस्ती जिले को पिछड़े अधूरे विकास की ओर ले जा रही है, गड्डो भरी सड़कों को भरना क्या यही है प्रदेश का विकास मॉडल ?