यह उन्नत तकनीक भारत में पहली बार उपलब्ध हो रही है, इसका इस्तेमाल करके कंधे की आर्थ्रोप्लास्टी अभूतपूर्व सटीकता और कस्टमाइज़ेशन के साथ करना संभव है
मुंबई, 30 अप्रैल, 2024: कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल ने कंधे की रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए वर्च्युअल इम्प्लान्ट पोज़िशनिंग (VIP) के साथ आर्थ्रेक्स मॉड्यूलर ग्लेनोइड सिस्टम की क्रांतिकारी तकनीक भारत में लॉन्च की है। वीआईपी सिस्टम का इस्तेमाल करके रिवर्स टोटल शोल्डर रिप्लेसमेंट के लाइव प्रदर्शन में इस को दिखाया गया। वीआईपी के साथ आर्थ्रेक्स मॉड्यूलर ग्लेनोइड सिस्टम ऑर्थोपेडिक्स में बढ़ाया गया एक बहुत बड़ा कदम है, जो बेहतर सटीकता, तुरंत रिकवरी और मरीज़ों को बेहतर परिणाम प्रदान करता है।
कोकिलाबेन हॉस्पिटल अपनी असाधारण स्पोर्ट्स मेडिसिन सेवाओं के लिए मशहूर है जो मरीज़ की व्यक्तिगत ज़रूरतों के अनुरूप समाधानों और उन्नत तकनीकों के साथ नए और बेहतर उपचार करने के लिए पहचाना जाता है। वर्चुअल इम्प्लांट की नयी तकनीक के आने से, अब हॉस्पिटल की स्पोर्ट्स मेडिसिन टीम मरीज़ों की देखभाल और परिणामों को बेजोड़ मानकों तक बढ़ाने में अग्रणी स्थान पर पहुंच चुकी है।
आर्थराइटिस या चोट लगने पर कंधे के जॉइंट में होने वाली गंभीर समस्याओं में दर्द को कम करने और कंधे के कार्य को फिर से शुरू करने के लिए कंधे की रिप्लेसमेंट सर्जरी की जाती है। इसके पारंपरिक तरीकों में कभी-कभी इम्प्लांट के सटीक प्लेसमेंट और हर मरीज़ की विशेष शारीरिक रचना को अपनाने में कठिनाई होती है। वीआईपी के साथ आर्थ्रेक्स मॉड्यूलर ग्लेनोइड सिस्टम में उन्नत तकनीक और सावधानीपूर्वक योजना के साथ इन समस्याओं को निपटाया जा सकता है। कंधे की सर्जरी में यह एक क्रांतिकारी परिवर्तन है, जिससे सर्जन और मरीज़ दोनों के लिए सुविधाजनक है।
कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल, मुंबई के स्पोर्ट्स ऑर्थोपेडिक्स, आर्थ्रोस्कोपी और ट्रॉमा विभाग के कंसल्टेंट (यूनिट लीड) डॉ. श्रेयश गज्जर ने इस सिस्टम का उपयोग करके पहली सर्जरी की। इसके महत्त्व पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा, “वीआईपी के साथ आर्थ्रेक्स मॉड्यूलर ग्लेनोइड सिस्टम कंधे की आर्थ्रोप्लास्टी में एक बहुत बड़ा परिवर्तन है। यह तकनीक सर्जन को सर्जरी में सटीकता और अनुकूलन लाने के लिए सही उपकरणों के लिए सक्षम बनाती है, जिससे मरीज़ो को बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं। सर्जरी के पहले बहुत ही सावधानीपूर्वक की गयी योजना के ज़रिए, हम पूरी सटीकता के साथ सर्जरी कर सकते हैं और न्यूनतम इनवेसिव सर्जिकल तकनीकों को अपना सकते हैं, जिससे मरीज़ के शरीर पर बहुत ही छोटे चीरे देकर सर्जरी हो सकती है, टिश्यू का नुकसान कम होता है, रिकवरी और भी तेज़ी से होती है। मरीज़ों को बेहतर आराम और अच्छा परिणाम का आनंद मिलता है, कंधे की कार्यक्षमता में सुधार होता है और मरीज़ अपनी सामान्य गतिविधियां कर पाने में ज़्यादा तेज़ी से सक्षम हो पाते हैं। हमारी पद्धति में पारंपरिक तकनीक से बेहतर परिणाम मिल पाते हैं और व्यक्तिगत ज़रूरतों को प्राथमिकता दी जाती है।”
कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल, मुंबई के सीईओ और कार्यकारी निदेशक डॉ. संतोष शेट्टी ने कहा, “हमें ख़ुशी है कि हमारा हॉस्पिटल आधुनिक ऑर्थोपेडिक्स में सबसे आगे है और भारत में इस अभूतपूर्व तकनीक को पहली बार पेश कर रहा है। वीआईपी के साथ आर्थ्रेक्स मॉड्यूलर ग्लेनोइड सिस्टम हमारे मरीज़ों को उच्चतम गुणवत्ता वाली देखभाल और सबसे उन्नत इलाज विकल्प प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता का उदाहरण है। यह तकनीक कंधे की रिप्लेसमेंट सर्जरी में क्रांति लाने और कंधे के जॉइंट की समस्याओं से पीड़ित अनगिनत लोगों के जीवन में उल्लेखनीय सुधार ला सकती है। वीआईपी के साथ आर्थ्रेक्स मॉड्यूलर ग्लेनोइड सिस्टम को सफलतापूर्वक लॉन्च करके, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल ने मेडिकल जगत में नई तकनीक में अग्रणी के रूप में अपना स्थान मज़बूत किया है।”
सर्जन वीआईपी तकनीक का उपयोग करके सर्जरी से पहले इम्प्लांट प्लेसमेंट की योजना बनाते हैं। इस तकनीक में एक वर्चुअल शोल्डर मॉडल बनाया जाता है, जिसमें हर मरीज़ के लिए उसकी विशेष ज़रूरतों के अनुरूप बेजोड़ सटीकता सुनिश्चित की जाती है। इससे जटिलताएं कम होती हैं और कम से कम चीरे देकर सर्जरी की जाने से मरीज़ की रिकवरी भी तेज़ी से हो पाती है। मरीज़ के कंधे तेज़ी से काम करने लगते हैं, जिससे उनकी संतुष्टि बढ़ती है और वे अपनी रोज़ाना गतिविधियां फिर से शुरू कर पाने में जल्दी से सक्षम हो जाते हैं।