खरगोन / भगवानपुरा । – जनपद पंचायत की प्लासकूट पंचायत के रायटेमरी फाल्या मे भीषण जलसंकट गहरा गया है। फाल्या मे पानी के लिए कोहराम मचा हुआ है ।पीने के पानी के लिए एसी जद्दोजहद और एसी ही मशक्कत आप ने अभी तक कही पर भी देखी नही होगी। हम सड़क मार्ग से होते उबड खाबड़ मार्ग से राय टेमरी बजारीया फाल्या पर पहुंचे । फाल्या मे दिनो दिन जल संकट जैसे हालात बन रहे है । फाल्या के लोग पीने के पानी को तरसने लगे है।राय टेमरी फाल्या के लोगो को भुख लगने पर रोटी की उतनी जरूरत नही है ,बल्कि सुखे कन्ठ को तर करने के लिए पानी की, उससे भी ज्यादा जरुरत है।आज के हालात की हम बात करे तो फाल्या के लोगो ने अपने खेतो का काम को छोड़ कर युवा, पुरुष, महिलाएं, और साथ मै छोटे छोटे बच्चे भी पानी की तलाश मे भटक रहे है। पानी जहां पर भी मिलता है, बर्तन की लाईन वही से शुरू हो जाती है। कंट्रोल की दुकान की तरह लोग अपने बर्तन को लाईन मे लगा कर पानी की जद्दो जहद के साथ बड़ी मशक्कत से पीने का पानी अपने घर ला रहे है। लाईन मे लगे लोगो को जिसे पानी मिला उसे मिल जाता है।पानी के खतम होने पर उसका पहला नम्बर दुसरे दिन आता है। तस्वीर कभी भी झुट नही बोलती है।
आला सरकार अफसर आदिवासी ग्रामो और फाल्यो मे भले ही तमाम सुविधा को मुहैय्या करवाने का एलान करे । लेकिन धरातल पर नजर दौड़ाई जाए तो हकीकत कुछ और ही नजर आती है।
आपको बता दे के भीषण गर्मी की शुरुआत होने से पेहले सरकार जल संकट वाले ग्रामो और फाल्यो का सर्वे करवा कर जल संकट की स्थिति से निपटने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायतों से तस्दीक करवा कर गांव या फाल्या चिन्हित करवाती है। ग्राम पंचायतों के माध्यम से सरकार जानकारी एकत्रित करती है के जल संकट वाले इलाके कोन से है। सरकार की सुचना को अमल मे लाकर स्थानीय सरपंच और सचिव द्वारा जल संकट वाले फाल्यो मे पेयजल संकट की तस्दीक करके जनपद को लिखीत सुचना पत्र भेजकर अवगत करवाते है। लेकिन नतीजा क्या निकलता है। कुछ नही। ढेर सारे लोगो की समस्या का लिखीत वो पत्र फाइल के निचे दब कर रह जाता है।राय टेमरी फाल्या के आदिवासी महिला शायनु सोलंकी,रेसा सोलंकी,बजारीया सोलंकी,भंगी सिलदार,ने हमे बताया के सरकार हमारी परेशानी को नही देख रही है। फाल्या मे पिने के पानी की व्यवस्था करने के लिए हमने खेतो मे काम छोड़ दिया है।सुबह से हम फाल्या के लोग पानी की तलाश मे निकल जाते है।जब पीने का पानी मिलता है तो ही घर लौटते है।पानी नही मिला तो खाली बर्तन लेकर घर लोटना पड़ता है। शायनु सोलंकी ने बताया के सरकार ने हमारी परेशानी को देखते हुए जल्दी से समाधान करना चाहिए।बजारीया सोलंकी ने बताया के हमारे फाल्या मे हेण्डपम्प, कुए ,नदी, नाले पुरी तरह सुख चुके है। पशुओं को भी सर बोझ से पानी लाकर पिलाना पड़ रहा है। पानी के लिए हालात दिनो दिन खराब होते जा रहे है।लोग बुंद बुंद पानी को तरस रहे है। सरकार के नुमाइंदे इन भीषण जल संकट वाले रायटेमरी फाल्या से वाकिफ तो है, लेकिन इस का समाधान करने के बजाय उसे नजर अंदाज करने मे लगे है।हालांकि वहाँ के लोगों का सब्र का बांध अब फुटने लगा है।उनका कहना है के सरकार को हमारे फाल्या मे पिने के पानी की समस्या को दिखाने के लिए मुख्यालय पर भी धरना देना पड़े तो हम धरना जरूर देगें।