ख़ास बातें
दिव्य घोष के बीच महावीर स्वामी के जयकारों से गूंजा टीएमयू
कुलाधिपति श्री सुरेश जैन की सपरिवार रही उल्लेखनीय उपस्थिति
जीवीसी श्री मनीष जैन और श्रीमती ऋचा जैन ने किया ध्वजारोपण
रजत और स्वर्ण कलशों से भगवान श्रीजी का हुआ अभिषेक
स्वर्ण कलश का पहला सौभाग्य सौधर्म इन्द्र को मिला
स्वर्ण और रजत कलशों से शांतिधारा का सौभाग्य श्रावकों को
सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं श्रीजी की भक्ति में सराबोर नजर आए
24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का 2623वां जन्मकल्याणक महोत्सव तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जिनालय के सामने धार्मिक अनुष्ठान के बीच प्रातः 08ः00 बजे जीवीसी श्री मनीष जैन और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती ऋचा जैन ने ध्वजारोपण किया। यह पूजा अर्चना शिखर सम्मेदजी से आए प्रतिष्ठाचार्य ऋषभ शास्त्री की देखरेख में हुई। इस मौके पर कुलाधिपति श्री सुरेश जैन और फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन, श्रीमती जाहन्वी जैन की गरिमामयी मौजूदगी रही। थोड़ी देर बाद यूनिवर्सिटी जिनालय से भव्य शोभायात्रा निकली, जो दिव्य घोष की धार्मिक संगीतमय धुनों के बीच श्रीजी को लेकर रिद्धि-सिद्धि भवन पहुंची। श्रीजी के रिद्धि-सिद्धि भवन में विराजमान होने के बाद रजत और स्वर्ण कलशों के जरिए श्रीजी का अभिषेक हुआ, जबकि शांतिधारा स्वर्ण और रजत झारी से की गई। शोभायात्रा में टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, ग्रुप वाइस चेयरमैन श्री मनीष जैन, श्रीमती ऋचा जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन के संग सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं श्रीजी की भक्ति में सराबोर नजर आए। टीएमयू कैम्पस में त्रिशला नंदन वीर की भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। भगवान महावीर की प्रतिमा को मेडिकल फैकल्टी डॉ. अक्षय जैन ने अपने मस्तिष्क पर सुशोभित कर जिनालय से रथ तक लाए और उन्हें रथ में विराजमान किया। रथ को सर्वप्रथम कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती ऋचा जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन, श्रीमती जाहन्वी जैन ने दिव्य घोष के बीच भगवान श्रीमहावीर के रथ को चलायमान किया। जिनालय से चलकर मेडिकल हॉस्टल, मेडिकल कॉलेज, इंडोर स्टेडियम, फॉर्मेसी ब्लॉक, इंजीनियरिंग ब्लॉक, आर्मी मिल्ट्री टैंक, क्रिकेट पवेलियन, नवीन एडमिन ब्लॉक होते हुए रिद्धि-सिद्धि भवन पहुंचा। कुलाधिपति, जीवीसी और ईडी समेत दर्जनों श्रावक-श्राविकाओं ने आर्मी मिल्ट्री टैंक पर जैन धर्म का झंडा लहराकर अहिंसा परमो धर्म का संदेश दिया। साथ ही साथ रथ यात्रा के दौरान बैलगाडी में सवार कुलाधिपति श्री सुरेश जैन और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन आस्था में डूबे नज़र आए। इनके संग-संग फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन, श्रीमती ऋचा जैन और श्रीमती जाहन्वी जैन भक्ति में लीन नंगे पांव चल रहे थे। एडमिन ब्लॉक पर कुलाधिपति परिवार ने भक्ति भाव से रथ में विराजमान भगवान महावीर की आरती की। दो घंटे की इस शोभायात्रा के दौरान श्रावक और श्राविकाएं भक्ति में लीन नजर आए। डांडिया नृत्य ने सभी का मन मोह लिया। टीएमयू कैंपस में रथयात्रा के दौरान राजस्थानी और अन्य भारतीय लोकनृत्यों ने आस्थामय रंग भर दिया। कुलाधिपति श्री सुरेश जैन ने दिव्य घोष बजाया तो उसकी आस्थामय धुन पर एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन थिरके। रथ शोभायात्रा में सबसे आगे संगीत मंडली के भक्ति गीतों पर झूमते हुए श्रावक-श्राविकाएं कतारबद्ध चल रही थीं। दिव्य घोष की गूँज पर टीएमयू कुलाधिपति सुरेश जैन, फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, ग्रुप वाइस चेयरमैन श्री मनीष जैन, श्रीमती ऋचा जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन के अलावा समस्त टीएमयू जिनालय परिवार शोभायात्रा में नंगे पांव भक्ति में झूमते नजर आए।
श्रीजी की प्रतिमा को भक्तिमय माहौल में रिद्धि-सिद्धि भवन में विराजमान किया। सभी श्रावक-श्राविकाओं ने निर्मल जल और अक्षत से अपनी और अपने स्थान की शुद्धि की। इसके पश्चात स्वर्ण कलश शान्तिधारा और दीपक स्थापना के लिए वहां मौजूद भक्तों ने सौभाग्य प्राप्त किया। स्वर्ण कलश का पहला अवसर सौधर्म इन्द्र डॉ. अक्षय जैन और मेडिकल के संजय जैन को मिला। दूसरा बीकॉम के सोमिल जैन, तीसरा एल्युमिनाई संकल्प जैन जबकि चौथा अवसर डिजिटल मार्केटिंग के अंकित जैन को प्राप्त हुआ। इसके अलावा शांतिधारा का स्वर्णिम अवसर स्वर्ण कलश से डॉ. अश्विनी जैन को मिला। इसी के साथ रजत कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य अनमोल जैन, संस्कार जैन, हर्ष जैन, हर्षित जैन, आशी जैन, सोमिल जैन को प्राप्त हुआ। शांतिधारा के पश्चात भगवान महावीर का अष्ट द्रव्यों से पूजन किया गया। इसमें उनके गुणों के गुणगान के संग-संग भगवान महावीर के जीवन की कुछ उल्लेखनीय घटनाओं और उनके चरित्र का वर्णन किया गया। भोपाल के सिद्धार्थ जैन एंड पार्टी के भक्तिमय गीतों के साथ भगवान महावीर के अर्घ्य चढ़ाए गए। इस दृश्य की शोभा देखते ही बनती थी। इस अवसर पर इन्द्रों ने धारा बहाई…, कलशा ढालो रे…, पंखिड़ा, पंखिड़ा…, रंगमा, रंगमा थारे रंग में रंग गयो रे…., न्वहन कराओ माता त्रिशला के लाल को…., जब से गुरू दर्श मिला….. महावीर आएंगे तो अंगना सजाउगी.. जैसे भजनों में पूरा रिद्धि सिद्धि भवन झूम उठा। वहां मौजूद सभी श्रावक-श्राविकाओं ने जमकर भक्ति की। श्रीजी के रथ के चार इन्द्र मेडिकल के समर्थ जैन, संभव बडकुल, सीसीएसआईटी के अतिशय जैन और टिमिट के प्रांजल जैन, जबकि सारथी बनने का सौभाग्य टिमिट के समक्ष जैन को मिला। कुबेर फैकल्टी ऑफ एजुकेशन के डॉ. रत्नेश जैन बने। बग्गी पर बैठने का सौभाग्य टिमिट की स्तुति जैन, सीसीएसआईटी की झलक जैन, जबकि घोड़े पर बैठने का सौभाग्य टिमिट की कीर्ति जैन, छवि जैन, कृति जैन और सीसीएसआईटी के राजुल जैन को मिला। कार्यक्रम के दौरान डॉ. कल्पना जैन ने बताया कि कुलाधिपति परिवार को कुंडलपुर के आचार्यपदारोहण महोत्सव में आचार्यों, उपाध्यायों,निर्यापकों और मुनियों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। कुलाधिपति परिवार को आचार्यश्री समयसागर जी महाराज, उपाध्याय श्री सुधासागर जी महाराज और निर्यापक श्री प्रमाणसागर जी महाराज को आहार देने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ है। भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव में यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. वीके जैन, डॉ. करूणा जैन, एचआर निदेशक श्री मनोज जैन, डॉ. नीलिमा जैन, मेडिकल कॉलेज के डीन प्रो. एसके जैन, निदेशक टिमिट प्रो. विपिन जैन, एग्रीकल्चर कॉलेज के डीन प्रो. प्रवीन कुमार जैन, डॉ. रवि जैन, डॉ. अर्चना जैन, डॉ. विनोद जैन, श्री संजय जैन, श्री आशीष सिंघई, श्री आदित्य जैन, डॉ. विनीता जैन, डॉ. नम्रता जैन, डॉ. विभोर जैन, श्री अंकित जैन, श्री वैभव जैन, श्री सार्थक जैन, श्री पवन जैन आदि भी शामिल रहे।