मध्य प्रदेश के जावरा जिले के पिपलौदा जिला क्षेत्र में 2 करोड़ से अधिक की लागत से बना इंद्रपुरी, बैराज सींच के लिए उपयोग में न आ सका, बारिश के पानी में अधिक बहाव में घाट का भार न झेल सका और किसानों को मिल पर पाल लगा किसानों की ओर से किसानों की शिकायत पर किसानों ने कहा कि एक साल पहले ही किसानों की ओर से बैरागी की मांग की गई थी। संबंधित कांक्रीट हाथ में दर्द ही निकल रहा है और भी मजबूत नहीं हो रहे हैं, इस संबंध में जल संसाधन विभाग के सुझाव हरीश कुमावत से जानकारी लेते हुए उन्होंने बताया कि बारिश में ज्यादा बारिश सहन नहीं कर सकते, कहीं से भी लीकेज ही हो जाते हैं, वही देखें लाइन के पार्टिसिपेंट्स के लिए भी कम है किससे इंस्टिट्यूट करे विभाग में कर्मचारियों की कमी पूर्व में आलोट और जावरा में दो उप विभाग थे वो भी एक हो गए, ठेकदार की असली साल की हकीकत है वो निर्माण समस्या पर कार्य इच्छा हम बैराज दिखा रहे हैं।