जावरा मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के पिपलौदा जनपद क्षेत्र में 2 करोड़ों की अधिक की लागत से बना इंद्रापुरी बैराज सिंचाई के लिए उपयोग में न आ सका , बारिश के पानी में अधिक बहाव में गेट बहाव का भार न झेल सका और किसानों को गेट पर पाल लगा कर बहाव रोकना पड़ा जिसकी शिकायत किसानों ने की लेकिन मौके पर अधिकारियों ने निरिक्षण कर उसे नज़र अंदाज कर दिया जिसकी सूचना देते हुए वर्तमान बारिश आने से पहले दिलीप पाटीदार धामेडी द्वारा बताया गया कि किसानों की सिंचाई के लिए बैराज तो बनाया लेकिन सीमेंट कांक्रीट हाथ लगाते ही निकल रहा हैं और गेट भी मजबूत नहीं इस संबंध में जल संसाधन विभाग एसडीओ हरिश कुमावत से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि गेट बारिश में अधिक बहाव सहन नहीं कर पाते कहीं से लीकेज हो ही जाता हैं, वही देख रेख के लिए चौकीदार भी कम हैं किसे तैनात करे विभाग में कर्मचारियों की कमी है पूर्व में आलोट और जावरा में दो उप विभाग थे वो भी एक हो गए, ठेकदार की ढाई वर्ष की गारंटी है वो निर्माण समस्या पर कार्य करेगा हम बैराज दिखवा रहे हैं।