उज्जैन । ( राहुल मिश्रा बेचैन ) सम्राट विक्रमादित्य , उनके युग में भारत उत्कर्ष , नवजागरण और भारतीय संस्कृति की विविध विधाओं पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2024 का शुभारंभ आगामी 1 मार्च को होगा।
इसमें मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित अन्य विशिष्टजन शामिल होंगे ।
विक्रमोत्सव का शुभारंभ 1 मार्च को शिवा दल भोपाल की प्रस्तुति शिवोहम अनहद नाद से होगा। इसी दिन कलश यात्रा निकलेगी जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल होंगी।
उज्जैन के महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ कोठी पैलेस क्षेत्र में युग युगीन भारत के कालजयी महानायकों की तेजस्विता का संग्रहालय वीर भारत नाम से बनाया गया है । इसका शिलान्यास भी 1 मार्च को किया जाएगा।
इसी दिन विक्रम व्यापार उद्योग मेला भी प्रारंभ होगा जिसमें लोक रंग के विविध आयाम देखने को मिलेंगे ।
1 मार्च से ही उज्जैन में जनजाति लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्य प्रदेश के सहयोग से अनादि पर्व का शुभारंभ होगा जो कि 9 अप्रैल तक चलेगा ।
इसी दौरान वैदिक घड़ी का लोकार्पण आचार्य वराहमिहिर वेधशाला में किया जाएगा। विक्रम पंचांग का भी लोकार्पण होगा ।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के डिंडोरी , दतिया , जबलपुर और सतना जिलों में स्वाधीनता संग्राम से संबंधित पुस्तकों का भी लोकार्पण किया जाएगा ।
आगामी 6 मार्च को भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा, विक्रम कालीन मुद्राओं की प्रदर्शनी लगेगी ।
इसके साथ ही 84 महादेव प्रदर्शनी , मंदिरों में प्रभु श्रृंगार प्रतियोगिता , महादेव शिल्प कला जैसे आयोजन होंगे।
7 मार्च को सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी और उनका दल शिवदुर्गा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देगा ।
8 मार्च को नमामि महादेव नामक संगीतमय प्रस्तुति होगी ।
इसी दिन शाम 7:00 बजे लोकप्रिय गायक अमित त्रिवेदी और उनकी टीम की ओर से संगीत प्रस्तुतियां लेजर शो होगा। 10 मार्च को लोक रंजन कार्यक्रम के अंतर्गत बुंदेली , राजस्थानी, भोजपुरी, मालवी, निवाड़ी भाषा के कवियों का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन होगा ।
11 से 16 मार्च तक श्री कृष्ण लीला पर केंद्रित सांस्कृतिक आयोजन होंगे ।
12 मार्च को पश्चिम बंगाल का सुप्रसिद्ध पुरलिया छांऊ नृत्य होगा।
इसी दिन भक्ति गायन भी होगा। 13 मार्च को भक्ति गायन ,14 मार्च को बांसुरी वादन, 16 मार्च को भी संगीत की प्रस्तुति होगी। 18 19 मार्च को राष्ट्रीय विज्ञान समागम होगा।
1 अप्रैल से 6 अप्रैल तक पौराणिक फिल्मों के अंतरराष्ट्रीय महोत्सव का आयोजन भी विक्रम महोत्सव के दौरान किया जाएगा। 2 अप्रैल से 8 अप्रैल तक विक्रम नाट्य महोत्सव में मशहूर नाटक अंधा युग, हमारे राम , अवंती शोध, कृष्णायन , अवंती बाई , श्री कृष्ण नाट्य लीला की प्रस्तुति का दर्शन आनंद ले सकेंगे ।
7 और 8 अप्रैल
को” वेद अंताक्षरी ” और ” विश्व पटल पर अवंतिका ” विषय पर विचार विमर्श का आयोजन ज्योतिष अकादमी उज्जैन में होगा।
7 अप्रैल को देवकी सम्मान समारोह का आयोजन होगा। इसी दिन अंतराष्ट्रीय इतिहास समागम पर शोध संगोष्ठी होगी।
8 अप्रैल को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, 9 अप्रैल को विश्व ज्योतिष उत्सव होगा ।
इसी दिन सूर्य उपासना षष्ठी प्रारंभ दिवस एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे ।
विक्रम विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह भी 9 अप्रैल को होगा।
यह आयोजन मध्य प्रदेश शासन के विभिन्न विभागों के सहयोग से किया जा रहा है जिसमें दशकों से बड़ी संख्या में भाग लेने की अपील स्थानीय प्रशासन ने की है।